धर्मशाला (शाहपुर), 3 नवंबर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार दिसंबर में नहीं, बल्कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने रविवार को जानकारी देते हुए कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया जा रहा है ताकि दिसंबर में धर्मशाला और आसपास के पर्यटन व्यवसाय को कोई असुविधा न हो, क्योंकि उस समय क्षेत्र में भारी संख्या में पर्यटक आते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष पठानिया रैत में आयोजित फेडरेशन कप क्लासिक एवं इक्विप्ट पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि खिलाड़ियों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
अब तक का सबसे लंबा सत्र — आठ दिन की बैठकें होंगी
पठानिया ने बताया कि इस बार तपोवन में आयोजित होने वाला सत्र अब तक का सबसे लंबा शीतकालीन सत्र होगा, जिसमें कुल आठ सीटिंग्स रखी गई हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल विधानसभा देश की सबसे बेहतरीन विधायी संस्थाओं में से एक है, जहाँ रचनात्मक चर्चा और संवाद की परंपरा ने लोकतंत्र को मजबूत किया है।

“सकारात्मक बहस से बढ़ती है संस्था की प्रतिष्ठा”
अध्यक्ष ने कहा कि सकारात्मक चर्चा और सुविचारित तर्कों से न केवल संस्था, बल्कि व्यक्ति की प्रतिष्ठा भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि रचनात्मक संवाद के ज़रिए ही आर्थिक और सामाजिक बदलाव के लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपरा को याद करते हुए बताया कि साल 1925 में पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन शिमला में आयोजित हुआ था, जो लोकतांत्रिक सुधारों की दिशा में ऐतिहासिक कदम था।

हिमाचल — देश की पहली पेपरलेस विधानसभा
पठानिया ने गर्व के साथ कहा कि हिमाचल विधानसभा देश की पहली पेपरलेस विधानसभा है। उन्होंने बताया कि राज्य के जनप्रतिनिधि देशभक्ति और जनसेवा की भावना के लिए जाने जाते हैं।

उन्होंने कहा कि विधायी कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, युवा विधायकों को अपने सुझाव और विचार रखने के लिए पूरा अवसर दिया जा रहा है, ताकि सुशासन और सामाजिक कल्याण के माध्यम से आम नागरिकों के जीवन में सुधार लाया जा सके।
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