हिमाचल प्रदेश के नगरोटा बगवां शिक्षा खंड के अंतर्गत मलां स्थित प्राइमरी स्कूल इन दिनों गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। यहां नर्सरी से लेकर पांचवीं तक के बच्चे खतरनाक स्थिति में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल का बड़ा हिस्सा फोरलेन सड़क निर्माण के चलते नष्ट हो चुका है, और अब बच्चे बिना चारदीवारी, बिना शौचालय और भारी ट्रैफिक के बीच पढ़ाई कर रहे हैं।
फोरलेन के कारण बढ़ी समस्या
इस प्राइमरी स्कूल का बड़ा हिस्सा जून 2023 में शुरू हुए फोरलेन सड़क निर्माण में नष्ट हो गया। तब से बच्चों को जर्जर और असुरक्षित कमरों में पढ़ाई करनी पड़ रही है। स्कूल प्रबंधन ने कई बार प्रशासन को इसकी जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव
स्कूल में न तो चारदीवारी है, न शौचालय, और न ही बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त स्थान। ठंड के दिनों में बच्चों को खुले मैदान में पढ़ाई करनी पड़ती है। स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने बार-बार प्रशासन और शिक्षा विभाग से अपील की है, लेकिन उनकी शिकायतें अनसुनी रह गईं।
ज्ञानोदय विद्यालय का दर्जा, लेकिन सुविधाएं शून्य
2023 में इस स्कूल को ज्ञानोदय उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा दिया गया था। इसके तहत बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएं देने के लिए 15 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन यह राशि विभाग की फाइलों में ही सिमटी रह गई।
अभिभावकों की चिंता और आक्रोश
अभिभावकों और स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा और सुविधाओं के प्रति सरकार और प्रशासन ने पूरी तरह से उदासीनता दिखाई है।
समाधान की मांग
स्कूल प्रबंधन और स्थानीय निकाय ने प्रशासन से अपील की है कि फोरलेन निर्माण के बीच स्कूल के लिए सुरक्षित स्थान की व्यवस्था की जाए। साथ ही, बच्चों के लिए चारदीवारी, शौचालय और रिटेनिंग वॉल का निर्माण प्राथमिकता से किया जाए।
शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी
नगरोटा बगवां शिक्षा खंड का यह स्कूल अन्य विद्यालयों की तुलना में अधिक छात्रों को पढ़ाई का अवसर देता है। लेकिन बच्चों की सुरक्षा के प्रति विभाग की लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है।
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