धर्मशाला, 17 अक्तूबर: धर्मशाला के नड्डी में स्थित प्रसिद्ध डल झील के पुनरुद्धार और रिसाव रोकने के कार्य को हरी झंडी मिल गई है। “भारत के लेकमैन” के नाम से प्रसिद्ध आनंद मल्लिगावड और भू-वैज्ञानिक डॉ. रितेश आर्य इस कार्य का नेतृत्व करेंगे, जिसे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंजूरी दी है। उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने आज जोगिंद्रनगर में मुख्यमंत्री से मिलकर इस प्रस्ताव की स्वीकृति ली।
पठानिया ने बताया कि हाल ही में उन्होंने शिमला में जल शक्ति, पर्यटन और वन विभाग के अधिकारियों के साथ डल झील के संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की थी। डल झील, जिसे छोटा मणिमहेश भी कहा जाता है, धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसके पुनरुद्धार के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी और जल्द ही काम शुरू होगा।
डल झील का संरक्षण राज्य सरकार के लिए प्राथमिकता है, और 2004-05 से अब तक इस पर लगभग 31 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। अब विशेषज्ञ आनंद मल्लिगावड की मदद से इसे पूरी गंभीरता से पूरा किया जाएगा, जो कई झीलों का सफल पुनरुद्धार कर चुके हैं। पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय इस परियोजना पर कड़ी नजर रख रहा है और झील के वास्तविक सौंदर्य को शीघ्र ही निखारा जाएगा।
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