शिमला, 8 नवंबर: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला जिले के सरकारी उच्च विद्यालय जनाहन, कांडा समेत तीन स्कूलों का दर्जा घटाने के राज्य सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है। अदालत ने यह फैसला कम नामांकन के आधार पर स्कूलों के विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। अब मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।

14 अक्तूबर को राज्य सरकार ने कम छात्रों की संख्या का हवाला देते हुए इन स्कूलों का दर्जा घटाने का आदेश जारी किया था। इस फैसले के खिलाफ स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
“छात्रों पर असर डालेगा फैसला” — अदालत की टिप्पणी
न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और रोमेश वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार ने यह निर्णय शैक्षणिक सत्र के अंतिम चरण (नवंबर–दिसंबर) में लिया है, जिससे छात्रों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। अदालत ने पूछा कि जब सत्र 31 दिसंबर तक चल रहा है, तो इस समय ऐसा कदम उठाना छात्रों के हित में कैसे हो सकता है।

महाधिवक्ता ने अदालत से जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
छात्रों को करना पड़ता 10 किमी का सफर
याचिका में कहा गया है कि जनाहन उच्च विद्यालय को समीप के माध्यमिक विद्यालय में मिला दिया गया है। अब छात्रों को 10 किलोमीटर से अधिक दूरी, जिसमें 3 से 4 किलोमीटर पैदल मार्ग शामिल है, तय करनी पड़ रही है।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि कई अन्य स्कूलों में नामांकन इससे भी कम है, लेकिन उन्हें डाउनग्रेड नहीं किया गया।
सरकार बोली — “परिवहन सुविधा देंगे”
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कहा कि दर्जा घटाने का फैसला सोच-समझकर नीतिगत आधार पर लिया गया है और छात्रों को परिवहन सुविधा देने की योजना बनाई गई है।
हालांकि अदालत ने टिप्पणी की कि सरकार का यह दावा पर्याप्त साक्ष्यों से समर्थित नहीं है। महाधिवक्ता यह नहीं बता पाए कि 7 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने वाले छात्रों को किस प्रकार की सुविधा दी जाएगी।
कांडा स्कूल के विलय पर भी रोक
कोर्ट ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (जीएसएसएस) कांडा को राजकीय उच्च विद्यालय (जीएचएस) में विलय करने के आदेश पर भी अंतिम रोक लगा दी है।
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