मंडी जिला में हाल ही में हुई भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासकर थुनाग उपमंडल और आसपास के कई क्षेत्रों में लोगों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। इन आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर अंजाम दिया जा रहा है। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने जानकारी दी कि प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन ने राहत कार्यों की गति को और तेज कर दिया है। राहत दल चौबीसों घंटे सक्रिय हैं और प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने में जुटे हुए हैं। कई स्थानों पर सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण राहत सामग्री पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बन गया है, लेकिन फिर भी राहत कर्मी उफनते नदी-नालों को पार करके पीठ पर सामान लादकर दुर्गम गांवों तक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। इस कार्य में स्थानीय मजदूरों और पंचायतों का सहयोग भी लिया जा रहा है।

बगस्याड क्षेत्र के लिए प्रशासन द्वारा कुल 500 राशन किट भेजी गई हैं। इनमें से पहले चरण में कांढी से सुराह तक 40 किट और 5 तिरपाल भेजे गए, जबकि शेष 30 किट दूसरे चरण में भेजी गईं। बगस्याड स्थित राहत शिविर के लिए 150 किट विशेष रूप से भेजी गई हैं। इसके अतिरिक्त थुनाग क्षेत्र में भी राहत पहुंचाई गई है। गृह रक्षक जवानों की मदद से पैदल रास्तों से गुजरते हुए 10 राशन किट जरूरतमंदों तक पहुंचाई गई हैं। रैण गलू, पखरैर पंचायत और थुनाग के अन्य प्रभावित क्षेत्रों में कुल 157 किट वितरित की गईं। प्रत्येक राशन किट में 5 किलोग्राम आटा, 5 किलोग्राम चावल, खाद्य तेल, नमक, चीनी, 2 किलोग्राम दालें, हल्दी, मसाले, चाय और सैनिटरी पैड जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त बगस्याड क्षेत्र में 15 रसोई गैस सिलेंडर (19 किलोग्राम) और 50 लीटर डीजल भी भेजा गया है ताकि भोजन पकाने और अन्य आवश्यक सेवाएं संचालित की जा सकें।
सराज क्षेत्र में बादल फटने की घटना के बाद कई परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है। इन लोगों के लिए बगस्याड स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में एक राहत शिविर स्थापित किया गया है। शिविर में प्रभावित लोगों के लिए भोजन और रहने की सुविधा सुनिश्चित की गई है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि जिन परिवारों के घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें इस शिविर में आसरा दिया गया है। कांढी, सरण, खुरैण, रेलधार सहित कई गांवों के लगभग 80 प्रभावित लोगों को राहत शिविर में आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। शिविर में रात को लगभग 25 से 30 लोग ठहर रहे हैं, जबकि अन्य लोग भोजन प्राप्त करने के बाद अपने रिश्तेदारों या परिचितों के यहां ठहरते हैं। स्वास्थ्य विभाग की मदद से शिविर में नियमित स्वास्थ्य जांच की भी व्यवस्था की गई है।

वहीं, करसोग से सराज विधानसभा क्षेत्र को जोड़ने वाला करसोग-शंकर देहरा सड़क मार्ग भी बहाल कर दिया गया है। यह मार्ग अब शंकर देहरा गांव तक यातायात के लिए खोल दिया गया है, जिससे राहत कार्यों में तेजी आई है। एसडीएम करसोग गौरव महाजन ने अपनी आपदा प्रबंधन टीम के साथ गांव में पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।
प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि सभी प्रभावित परिवारों को समय पर सहायता मिल सके और सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।
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