हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मटौर से शिमला के बीच बन रहे फोरलेन पर यात्रा अब पहले से महंगी हो गई है। 12 जून 2025 को सुबह 8 बजे से इस मार्ग पर टोल टैक्स की वसूली शुरू कर दी गई है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इसके लिए रानीताल के पास एक नया टोल प्लाजा स्थापित किया है, जहां से गुजरने वाले सभी वाहनों से टोल शुल्क वसूला जा रहा है। इस टोल व्यवस्था के लागू होने से न सिर्फ स्थानीय लोगों को असर झेलना पड़ेगा, बल्कि धर्मशाला और कांगड़ा जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाले पर्यटकों पर भी सीधा प्रभाव पड़ेगा।

टोल दरें वाहन के प्रकार के अनुसार तय की गई हैं। जीप, वैन और हल्के मोटर वाहनों से एकतरफा यात्रा पर ₹25 और दोनों ओर की यात्रा के लिए ₹35 वसूले जाएंगे, जबकि इनका मासिक पास ₹790 में मिलेगा। हल्के वाणिज्यिक वाहन, माल वाहन और मिनी बसों के लिए एकतरफा शुल्क ₹40 और दोनों ओर ₹55 रखा गया है, जबकि मासिक पास ₹1275 में उपलब्ध होगा। दो-एक्सल बस और ट्रकों से एकतरफा ₹80, दोनों ओर ₹120 और मासिक ₹2675 शुल्क तय किया गया है। तीन-एक्सल वाणिज्यिक वाहनों को एकतरफा ₹90, दोनों ओर ₹130 और मासिक पास के लिए ₹2920 चुकाने होंगे। भारी निर्माण मशीनरी और मल्टी-एक्सल वाहनों के लिए यह शुल्क एकतरफा ₹125, दोनों ओर ₹190 और मासिक पास ₹4195 है। वहीं, ओवरसाइज़्ड वाहनों से एकतरफा ₹155, दोनों ओर ₹230 और मासिक ₹5110 वसूला जाएगा।
एक खास बात यह है कि जिन वाहनों में FASTag नहीं लगा होगा, उनसे दोगुना टोल टैक्स वसूला जाएगा। इसलिए वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले अपना FASTag अवश्य अपडेट करवा लें। इस नए टोल नियम का असर उन वाहनों पर भी पड़ेगा जो हिमाचल प्रदेश से होकर पंजाब के होशियारपुर और जालंधर जैसे शहरों की ओर आते-जाते हैं। यह फोरलेन धर्मशाला को शिमला से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जिससे अब यात्रा की लागत में इज़ाफा होना तय है।
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