Shimla: डीओ नोट के आधार पर किया गया तबादला हाईकोर्ट ने रोका, टीजीटी आर्ट्स की याचिका पर सुनवाई

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के एक विवादित तबादला आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह आदेश प्रदेश के राजस्व, बागवानी और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा जारी डीओ नोट के आधार पर किया गया था। मामला एक टीजीटी आर्ट्स शिक्षक से जुड़ा है, जिसे बिना पूर्ण कार्यकाल के स्थानांतरित कर दिया गया।

याचिकाकर्त्ता टीजीटी आर्ट्स शिक्षक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उसे 1 मई, 2025 को कार्यालय आदेश के माध्यम से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ज्योरी, तहसील रामपुर, जिला शिमला से हटाकर राजकीय मिडल स्कूल थरला, कॉम्प्लेक्स राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जौन, जिला कुल्लू में स्थानांतरित कर दिया गया। शिक्षक का आरोप है कि यह तबादला मंत्री जगत सिंह नेगी के डीओ नोट के आधार पर हुआ है, जबकि उन्होंने अभी सामान्य कार्यकाल भी पूरा नहीं किया है।

प्रार्थी ने अदालत को बताया कि उसने 13 सितंबर, 2022 को वर्तमान स्कूल में कार्यभार ग्रहण किया था। नियमों के अनुसार किसी भी शिक्षक का सामान्य कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन तबादले का यह आदेश उस कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही दे दिया गया।

इसके साथ ही याचिकाकर्त्ता ने यह भी उल्लेख किया कि वह एक प्रशिक्षित एसोसिएट एनसीसी अधिकारी है। 20 फरवरी, 2025 को जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, एनसीसी से जुड़ा शिक्षक केवल उसी संस्था में तैनात किया जा सकता है जहां एनसीसी गतिविधियां चल रही हों या शुरू हो चुकी हों। लेकिन तबादले के नए स्कूल में एनसीसी यूनिट कार्यशील नहीं है।

इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने कहा कि याचिकाकर्ता को फिलहाल अंतरिम राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने आदेश दिया कि प्रार्थी को अपनी वर्तमान तैनाती पर ही कार्य जारी रखने दिया जाए। साथ ही, अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह इस तबादले के संबंध में अपना पक्ष पेश करे।

यह मामला प्रदेश में राजनीतिक हस्तक्षेप से हुए तबादलों की एक नई बहस को जन्म दे सकता है। शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के तबादलों में पारदर्शिता बनाए रखना सरकार के लिए अब एक अहम चुनौती बनती जा रही है।

For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!

Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!