शिमला: नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भाजपा के असंतुष्ट नेताओं को दो टूक चेतावनी दी है। उन्होंने पूर्व मंत्री रमेश धवाला पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सार्वजनिक बयानबाजी करने के बजाय पार्टी मंच पर अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी ने हमेशा पूर्व मंत्री रमेश धवाला को सम्मान दिया है। विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद उन्हें कैबिनेट रैंक का दर्जा दिया गया। ऐसे में उन्हें मीडिया में बयान देने से बचना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात पर पूछे गए सवाल के जवाब में जयराम ठाकुर ने कहा कि वे कभी किसी की शिकायत नहीं करते, बल्कि प्रदेश हित की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान राज्य के ताजा राजनीतिक हालात का भी जिक्र होता है, लेकिन केंद्र सरकार का हिमाचल प्रदेश के प्रति रवैया हमेशा सकारात्मक रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में कर्मचारियों का वेतन और पेंशन केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई धनराशि पर निर्भर है।
विधायक प्राथमिकता बैठक के बहिष्कार पर उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष में रहते हुए वे विधायक संस्था को मजबूत करने की बात करते थे, लेकिन अब खुद इसे कमजोर कर रहे हैं। विपक्ष के विधायकों द्वारा दो साल पहले दी गई प्राथमिकताओं की कई डी.पी.आर. अब तक नहीं बनी हैं। उन्होंने कहा कि जब पुरानी प्राथमिकताओं पर अमल नहीं हो रहा है तो नई प्राथमिकताएं देने का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल विपक्षी विधायकों को सम्मान देते थे, लेकिन वर्तमान सरकार हारे हुए नेताओं को मंच प्रदान कर रही है और वे अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री राहत कोष को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि जरूरतमंदों को इलाज के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसे मामलों को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, लेकिन राहत कोष से सहायता स्वीकृत नहीं की गई।
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