हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में बाहरी लोगों द्वारा नौकरी या व्यवसाय करने पर अब सख्त निगरानी की जाएगी। हाल ही में जिले में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने बाहरी लोगों को नौकरी या व्यवसाय करने से पहले पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। यह कदम समाज विरोधी तत्वों पर नियंत्रण रखने और जिले में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। प्रशासन ने इस नए आदेश को भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत जारी किया है, जिससे ऊना जिले में कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
इसके अलावा, शिमला के संजौली मस्जिद विवाद के बाद, हिमाचल प्रदेश में बाहरी लोगों द्वारा रेहड़ी-फेरी और नौकरी करने वालों के पंजीकरण की मांग भी बढ़ गई है। विशेष रूप से पंजाब सीमा से सटे इलाकों में बाहरी विक्रेताओं के लिए यह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
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