शिमला, 3 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में अब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चंडीगढ़ या दिल्ली नहीं भागना पड़ेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में डायग्नोस्टिक सुविधाओं को मजबूत करने के लिए ₹213.75 करोड़ का बड़ा निवेश किया है।
सरकार का लक्ष्य है कि सभी मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों में आधुनिक जांच मशीनें लगाई जाएं ताकि मरीजों की बीमारियों का सटीक और समय पर पता लगाया जा सके और इलाज तुरंत शुरू हो सके।
स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत अगले 6 महीने से डेढ़ साल के भीतर पुराने उपकरणों की जगह नई मशीनें स्थापित की जाएंगी।
कहां-कितनी मशीनें लगेंगी – जानें पूरी योजना
एमआरआई मशीनें (₹95 करोड़): IGMC शिमला, टांडा, चमियाना, नेरचौक, नाहन और चंबा मेडिकल कॉलेज में हाई-रिज़ोल्यूशन एमआरआई मशीनें लगाई जाएंगी। सीटी स्कैन मशीनें (₹28 करोड़): सात मेडिकल कॉलेजों में दो-दो उन्नत सीटी स्कैन मशीनें स्थापित होंगी। डिजिटल रेडियोग्राफी यूनिट (₹22.75 करोड़): 35 डिजिटल रेडियोग्राफी यूनिट और 14 सीलिंग-सस्पेंडेड एक्स-रे मशीनें लगाई जाएंगी। अल्ट्रासाउंड और मैमोग्राफी (₹14 करोड़): सात मेडिकल कॉलेजों में अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड और डिजिटल मैमोग्राफी यूनिट स्थापित की जाएंगी। इमेजिंग आर्काइव सिस्टम (₹40 करोड़): सात मेडिकल कॉलेजों और कमला नेहरू अस्पताल शिमला में इमेजिंग आर्काइव और रिट्रीवल टेक्नोलॉजी सिस्टम लगाए जाएंगे।
जनता को मिलेगा बड़ा फायदा — अब नहीं खर्चने पड़ेंगे लाखों रुपए
मुख्यमंत्री सुक्खू खुद पेट की बीमारी से जूझ चुके हैं और सर्जरी करवा चुके हैं, इसलिए वे मरीजों के दर्द को बखूबी समझते हैं।
उनका लक्ष्य है कि राज्य के हर नागरिक को घर के पास ही उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधा मिले।
नई मशीनों से बीमारियों की जांच में लगने वाला समय घटेगा और मरीजों को अब निजी अस्पतालों में महंगे टैस्ट करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सरकारी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता बढ़ेगी
इन अत्याधुनिक जांच सुविधाओं से डॉक्टरों को रोगों का सटीक निदान करने में मदद मिलेगी।
सरकार ने सिर्फ मशीनें खरीदने का नहीं, बल्कि पूरी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है।
तकनीशियनों और डॉक्टरों को नई मशीनों के संचालन की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी, जबकि खाली पदों को जल्द भरा जाएगा।
किन बीमारियों के इलाज में आएगा क्रांतिकारी बदलाव
कैंसर: डिजिटल मैमोग्राफी से स्तन कैंसर की शुरुआती पहचान आसान होगी। हाई-रिज़ोल्यूशन एमआरआई और सीटी मशीनें ट्यूमर की सटीक स्थिति बताएंगी। इमेजिंग आर्काइव सिस्टम से कीमोथैरेपी की प्रगति पर नज़र रखी जा सकेगी। ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड विकार: एमआरआई से स्ट्रोक, ट्यूमर और सिरदर्द जैसी समस्याओं की डिटेल इमेजिंग संभव होगी। सीटी स्कैन से हेड इंजरी और ब्रेन हेमरेज का तुरंत पता लगेगा। ट्रॉमा और सड़क हादसे: उन्नत सीटी और एक्स-रे मशीनें आंतरिक चोटों और फ्रैक्चर की तुरंत जांच में मदद करेंगी। हृदय और फेफड़े: सीटी एंजियोग्राफी से हृदय व रक्तवाहिकाओं में ब्लॉकेज का नॉन-इनवेसिव पता लगेगा। पेट और पाचन तंत्र: अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन से लीवर, पित्ताशय, किडनी स्टोन और अपेंडिसाइटिस जैसी बीमारियों का निदान आसान होगा।
सीएम सुक्खू बोले – “अब हिमाचल के लोगों को बाहर जाने की जरूरत नहीं”
मुख्यमंत्री ने कहा,
“मेरा लक्ष्य साफ है — हिमाचल के लोगों को अब इलाज के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
₹213.75 करोड़ का यह निवेश केवल मशीनें नहीं हैं, बल्कि यह हमारे नागरिकों के लिए समय पर और सटीक स्वास्थ्य निदान की गारंटी है।”
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