पालमपुर, 20 दिसंबर। पालमपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के समापन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने सहकार प्रदर्शनी का अवलोकन किया और हिमाचल प्रदेश सहकारिता नीति-2025 का अनावरण किया। नीति का शुभारंभ एक संक्षिप्त वीडियो के माध्यम से किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सहकारिता आंदोलन का जन्मदाता रहा है और इस क्षेत्र को दिशा देने में राज्य की ऐतिहासिक भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता पर हर घर का भरोसा है और इसकी शुरुआत ऊना से मियां हीरा सिंह ने की थी। वर्ष 1906 में ऊना में ही प्रदेश की पहली पंजीकृत सहकारी समिति बनी थी।

मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि आज प्रदेश में सहकारिता का करीब 50 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक साम्राज्य है, जिससे लगभग 20 लाख लोग जुड़े हुए हैं। सहकारिता केवल एक वित्तीय व्यवस्था नहीं, बल्कि सामूहिक स्वामित्व का सशक्त मॉडल है, जहां हर सदस्य मालिक होता है। सहकारिता से जुड़े हिमकैप्स जैसे संस्थान नर्सिंग और लॉ कॉलेज चला रहे हैं, जिनसे निकले छात्र नर्स, वकील और जज बनकर समाज की सेवा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन हिमाचल की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था की मजबूत रीढ़ है। राज्य सरकार इसे आत्मनिर्भर और समावेशी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का प्रमुख माध्यम बना रही है। प्रदेश में सहकारिता आंदोलन का इतिहास 125 वर्षों से अधिक पुराना है। वर्तमान में 5730 सहकारी समितियां कार्यरत हैं, जिनसे करीब 19 लाख सदस्य जुड़े हैं। बीते तीन वर्षों में 900 नई सहकारी समितियां पंजीकृत की गई हैं और 20,690 पंचायतें सहकारी नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं।

उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि सहकारिता के माध्यम से कृषि, दुग्ध, बैंकिंग और उपभोक्ता क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। प्रदेश में 2294 कृषि सहकारी समितियां और 10 सहकारी बैंक सक्रिय हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में 1082 दुग्ध सहकारी समितियां काम कर रही हैं, जिनमें महिलाओं की भागीदारी अहम है।

डिजिटलीकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पीएसीएस के कंप्यूटरीकरण, ई-पेक्स, एम-पेक्स, सीएससी से जोड़ने और जीआईएस आधारित निगरानी प्रणाली को लागू किया जा रहा है। अब तक 1125 पेक्स गो-लाइव हो चुकी हैं और मार्च 2026 तक सभी पेक्स के पूर्ण डिजिटलीकरण का लक्ष्य तय किया गया है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सहकारिता नीति-2025 राष्ट्रीय सहकारिता नीति के अनुरूप तैयार की गई है, जिससे सहकारी संस्थाएं और अधिक सशक्त, पारदर्शी और आत्मनिर्भर बनेंगी। इससे ग्रामीण रोजगार, महिला और युवा सहभागिता, नवाचार और वित्तीय मजबूती को बढ़ावा मिलेगा।

समारोह में विधायक आशीष बुटेल, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. अशोक पांडा, हिमफेड अध्यक्ष महेश्वर चौहान, वूलफेड अध्यक्ष मनोज कुमार, जेसीसीबी अध्यक्ष मुकेश शर्मा, एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा, नगर निगम पालमपुर के मेयर गोपाल चंद नाग, पंजीयक सहकारी सभाएं डीसी नेगी सहित कई गणमान्य अतिथि और अधिकारी उपस्थित रहे।
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