Sirmaur: इतिहास रचते हुए हिमाचल आ रहे श्री चालदा महासू महाराज, सिरमौर के गिरिपार में पहली बार होगा दिव्य प्रवास

उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्र के गांव दसऊ मंदिर से ढाई साल के प्रवास के बाद श्री चालदा महासू महाराज जी की पवित्र बरवांश यात्रा सोमवार 8 दिसंबर को विधिवत रूप से शुरू हो गई। यात्रा के शुभारंभ के मौके पर मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े और पूरा क्षेत्र आस्था व श्रद्धा से सराबोर नजर आया। दसऊ से चालदा महासू महाराज जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के लिए रवाना हुए हैं और यह ऐतिहासिक है कि पहली बार श्री चालदा महासू महाराज जी हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करेंगे।

इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, एसडीएम शिलाई जसपाल सिंह सहित शिलाई क्षेत्र के सैकड़ों लोग दसऊ पहुंचे और देवता के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। परंपरा के अनुसार देवता के प्रस्थान से जुड़ी सभी धार्मिक औपचारिकताएं पूरी की गईं। इससे पहले दसऊ पहुंचने पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और चालदा महासू महाराज के शांठीबिल के वजीर दीवान सिंह राणा का फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। वजीर देवता का संदेश, आदेश और आशीर्वाद जनता तक पहुंचाने के साथ-साथ पंचायतों और सामाजिक विवादों में मार्गदर्शन की भूमिका निभाते हैं।

दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ के चलते दसऊ गांव में करीब एक किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। श्रद्धालुओं ने नम आंखों से देवता की पालकी को भावभीनी विदाई दी। इस दौरान उद्योग मंत्री के साथ मार्केटिंग कमेटी के अध्यक्ष सीता राम शर्मा, अधिशासी अभियंता जल शक्ति प्रदीप चौहान, ओएसडी अतर राणा, बारू राम डिमेदार, महासू महाराज भंडारी रघुवीर सिंह, वजीर दिनेश प्रकाश, प्रधान मदन शर्मा सहित शिलाई क्षेत्र के विभिन्न गांवों से हजारों लोग उपस्थित रहे।

देव परंपरा के अनुसार बागड़ी की पूजा-अर्चना के बाद 14 दिसंबर को श्री चालदा महासू महाराज पहली बार हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र के पश्मी गांव में विराजमान होंगे। इसे क्षेत्र के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है। देवता के स्वागत को लेकर गिरिपार क्षेत्र में व्यापक तैयारियां चल रही हैं। 13 दिसंबर को हिमाचल और उत्तराखंड की अंतर्राज्यीय सीमा मीनस पुल पर भव्य स्वागत किया जाएगा, जहां उत्तराखंड की देवधार खत के 35 गांव और शिलाई विधानसभा क्षेत्र के करीब 52 गांव ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वेश-भूषा के साथ एकत्र होंगे। बरवांश पूजा के बाद देवता टौंस नदी पार कर पश्मी गांव में एक वर्ष तक प्रवास करेंगे।

इस मौके पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इसे हिमाचल के लिए बड़े सौभाग्य की बात बताते हुए कहा कि शिलाई विधानसभा क्षेत्र और पश्मी गांव के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि श्री चालदा महासू महाराज पहली बार हिमाचल में प्रवेश करेंगे और एक वर्ष तक पश्मी में ही विराजमान रहेंगे। 13 दिसंबर की शाम को देवता मीनस से हिमाचल में प्रवेश करेंगे, रात्रि ठहराव द्राबिल में होगा और 14 दिसंबर को दोपहर बाद पश्मी के लिए प्रस्थान करेंगे।

यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। विभिन्न समितियों का गठन किया गया है और प्रदेश सरकार की ओर से सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 100 से अधिक पुलिस जवान और होमगार्ड तैनात किए गए हैं। साथ ही स्वास्थ्य जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर भी लगाए जाएंगे और यातायात व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।

पश्मी मंदिर समिति के सदस्य नितिन चौहान के अनुसार श्री चालदा महासू महाराज भगवान शिव के रूप हैं और महासू देवता, जो चार भाइयों का समूह है, उनमें से एक हैं। उन्हें जौनसार-बावर और गिरिपार क्षेत्र में न्याय के देवता के रूप में माना जाता है। मान्यता है कि वे क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों की समस्याएं सुनते हैं, न्याय देते हैं और इसलिए लोग न्यायालय जाने की बजाय उनके दरबार में आस्था रखते हैं। उत्तराखंड और हिमाचल के कई हिस्सों में उन्हें महाशिव छत्रधारी के रूप में पूजा जाता है।

For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!

Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!