धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) अब छात्रों के लिए बड़ा बदलाव लाने जा रहा है। बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों पर से परीक्षा का दबाव कम करने के लिए नई “इम्प्रूवमेंट पॉलिसी” तैयार की है। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद किसी भी छात्र का परिणाम फेल या कंपार्टमेंट में नहीं आएगा।
अब छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा — पहली परीक्षा मार्च में और दूसरी जुलाई में।

छात्रों को मिलेगा सुधार का मौका
मार्च में आयोजित मुख्य परीक्षा में अगर कोई छात्र एक या एक से अधिक विषयों में असफल होता है, तो उसे जुलाई में दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
यह परीक्षा छात्रों के लिए “सुधार का मौका” होगी।
मार्च में पास हुए छात्र भी अपने अंकों में सुधार (Improvement) के लिए जुलाई की परीक्षा में बैठ सकेंगे। इससे छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने के अधिक अवसर मिलेंगे और फेल होने का डर खत्म होगा।
पढ़ाई नहीं होगी बाधित
नई व्यवस्था के तहत यदि कोई छात्र किसी विषय में असफल होता है, तो भी उसे अगली कक्षा में प्रवेश मिल जाएगा ताकि उसकी पढ़ाई बाधित न हो।

अगर छात्र जुलाई में पूरक परीक्षा पास कर लेता है, तो उसकी पढ़ाई सामान्य रूप से जारी रहेगी।
लेकिन अगर वह दूसरी परीक्षा में भी पास नहीं होता, तो उसे उसी कक्षा को दोबारा पढ़ना होगा।
कब से लागू होगी नई पॉलिसी?
स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस इम्प्रूवमेंट पॉलिसी का प्रस्ताव सरकार और शिक्षा सचिव को भेजा था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।
बोर्ड अध्यक्ष डा. राजेश शर्मा ने बताया कि अगर सभी तैयारियां समय पर पूरी हो जाती हैं, तो यह व्यवस्था अगले शैक्षणिक सत्र से लागू कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा,
“हमारा लक्ष्य है कि किसी भी छात्र की पढ़ाई असफलता के कारण न रुके। सरकार से अनुमति मिल गई है, और अब बोर्ड इस पॉलिसी को लागू करने की तैयारी में जुटा है।”
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