भारतीय नौसेना की शक्ति में सोमवार को एक और अहम जुड़ाव हुआ जब कोलकाता में अत्याधुनिक पनडुब्बी रोधी युद्धपोत ‘INS अजय’ को लॉन्च किया गया। यह जहाज Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft (ASW SWC) परियोजना के तहत तैयार किए गए आठ युद्धपोतों की श्रृंखला का अंतिम जहाज है। इसे कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से तैयार किया गया है, जो भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
‘INS अजय’ के लॉन्चिंग कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के चीफ ऑफ मटेरियल वाइस एडमिरल किरण देशमुख और उनकी पत्नी प्रिया देशमुखविशेष रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर वाइस एडमिरल देशमुख ने कहा कि यह जहाज भारत की स्वदेशी क्षमताओं का प्रतीक है और इससे नौसेना की समुद्री संचालन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
भारत के समुद्री पड़ोस में लगातार बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए ‘INS अजय’ की तैनाती काफी अहम मानी जा रही है। जहां एक ओर चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपने युद्धपोत और परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती बढ़ा रहा है, वहीं पाकिस्तान भी कराची से लेकर ग्वादर पोर्ट तक अपनी नौसैनिक ताकत को आधुनिक बना रहा है। ऐसे में ‘INS अजय’ जैसे उन्नत युद्धपोत भारतीय समुद्री सीमाओं की निगरानी, पनडुब्बियों की पहचान और समय पर कार्रवाई के लिए बेहद आवश्यक हो जाते हैं।
‘INS अजय’ को खासतौर पर कम गहराई वाले समुद्री क्षेत्रों (shallow waters) में पनडुब्बी खोज और उन पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें अत्याधुनिक हथियार और सेंसर लगे हैं जैसे Hull Mounted Sonar जो पानी के अंदर छिपी पनडुब्बियों का पता लगाने में सक्षम है, और Low Frequency Variable Depth Sonar जो लंबी दूरी तक पनडुब्बियों को ट्रैक कर सकता है। जहाज में पनडुब्बियों पर हमला करने के लिए टॉरपीडो और रॉकेट लॉन्चर लगाए गए हैं, वहीं सतह पर मौजूद खतरों से निपटने के लिए इसमें NSG-30 गन और 12.7 mm गन भी मौजूद हैं। इसके साथ ही, डीजल इंजन और वॉटर जेट सिस्टम से यह युद्धपोत तेज गति से समुद्र में मूवमेंट करने में सक्षम है और त्वरित प्रतिक्रिया दे सकता है।
यह जहाज विशेष रूप से शांत समुद्री क्षेत्रों, तटीय इलाकों, द्वीप समूहों और हार्बर डिफेंस ऑपरेशन्स में उपयोगी साबित होगा। इसका निर्माण इस तरह किया गया है कि यह न केवल उन्नत तकनीक से लैस है, बल्कि परिचालन क्षेत्र में उच्च प्रदर्शन भी सुनिश्चित करता है।
‘INS अजय’ उस श्रृंखला का हिस्सा है जिसमें कुल आठ ASW SWC जहाज बनाए जा रहे हैं। इस श्रृंखला का पहला जहाज ‘INS अर्नाला’जून 2025 में भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है, और दूसरा युद्धपोत अगस्त 2025 तक नौसेना को सौंप दिया जाएगा। ‘INS अजय’ इस श्रृंखला का आठवां और अंतिम युद्धपोत है, जिसके साथ यह परियोजना पूरी हो जाएगी।
इस युद्धपोत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे 80% से अधिक स्वदेशी तकनीक और सामग्री से तैयार किया गया है, जो भारत के रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यह न केवल तकनीकी रूप से भारत को मजबूत बनाता है, बल्कि समुद्री रणनीतिक मामलों में भी भारत की स्थिति को और अधिक सुदृढ़ करता है।
‘INS अजय’ के नौसेना में जुड़ने से तटीय सुरक्षा, पनडुब्बी रोधी अभियानों और समुद्री निगरानी में भारतीय नौसेना की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। इस स्वदेशी युद्धपोत के ज़रिए भारत न केवल अपने समुद्री हितों की रक्षा करेगा, बल्कि यह भी स्पष्ट संकेत देगा कि वह हिंद महासागर क्षेत्र में एक मजबूत और आत्मनिर्भर समुद्री शक्ति है।
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