हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का तरीका अब बदल रहा है। प्रदेश सरकार ने गुणात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। मंडी जिला के पधर उपमंडल के प्राथमिक विद्यालयों में अब छात्र अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम और एलईडी स्क्रीन की सुविधा बच्चों को पठन-पाठन में मदद कर रही है।
आज के युग में आधुनिक तकनीक का उपयोग शिक्षा प्रणाली में बदलाव ला रहा है। पहले जहां बच्चे स्लेट और कलम से पढ़ाई करते थे, वहीं अब टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग हो रहा है। राज्य सरकार ने प्रारंभिक स्तर से ही बच्चों को बेहतर वातावरण और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। सरकारी स्कूलों में नौनिहालों को स्मार्ट कक्षाओं और एलईडी स्क्रीन के माध्यम से शिक्षा देने की पहल की गई है।
प्रदेश सरकार के इस प्रयास का असर अब धरातल पर भी नजर आ रहा है। मंडी जिला इस बदलाव का गवाह बन रहा है, जहां प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चे आधुनिक तरीके से पढ़ाई कर रहे हैं। राजकीय केंद्रीय आदर्श प्राथमिक पाठशाला नारला में भी अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। इस साल स्कूल में कुल 112 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, जो पिछले साल से अधिक हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमारी ने जानकारी दी कि द्रंग खंड में सत्र 2024-25 के लिए 2096 विद्यार्थी आधुनिक तकनीक से पढ़ाई कर रहे हैं। द्रंग-2 प्राथमिक शिक्षा खंड में कुल 95 विद्यालय हैं, जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई हो रही है। इनमें से 20 राजकीय केंद्रीय उत्कृष्ट प्राथमिक पाठशालाओं में स्मार्ट कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं।
पधर की रहने वाली कमलेश और संतोष ठाकुर ने कहा कि उनकी बेटी राजकीय केंद्रीय आदर्श प्राथमिक पाठशाला नारला में पढ़ाई कर रही है। उन्होंने कहा कि अब उनकी बेटी सरकारी स्कूल में कम खर्च में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रयासों की सराहना की और लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएं और दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाएं।
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