हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार आम आदमी के हित को प्राथमिकता देती है और बजट का लाभ जनता तक पहुँचाने के लिए कार्य कर रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा बजट पर की गई चर्चा का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि यदि राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) में कटौती न होती, तो बजट का आकार ₹3000 करोड़ अधिक होता।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्व भाजपा सरकार को जीएसटी अनुदान के रूप में ₹16,000 करोड़ मिले थे और उनके कार्यकाल में आरडीजी में कोई कटौती नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि यदि उस समय की सरकार वित्तीय प्रबंधन सही तरीके से करती, तो प्रदेश पर ₹16,000 करोड़ का कर्ज कम किया जा सकता था।
सुक्खू ने आगे कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के कारण सरकार को कई वित्तीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष द्वारा सोशल मीडिया पर दिए गए बयानों को गलत बताते हुए कहा कि अगर उनके पास कोई तथ्य हैं, तो उन्हें सदन में पेश करना चाहिए।
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर जनता को गुमराह करने और चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट अब तक की सबसे कम वृद्धि वाला बजट है और सरकार ने एफआरबीएम सीमा से अधिक ऋण लिया है।
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