शनिवार देर शाम हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में तेज बारिश के कारण पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर नैनीखड्ड के पास बड़ा भूस्खलन हो गया। इस हादसे में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा सड़क पर गिरा, जिससे हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रुक गई। यह स्थिति लगभग दो घंटे तक बनी रही, जिससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मौके से मिली जानकारी के अनुसार, भूस्खलन की शुरुआत नैनीखड्ड स्थित गौशाला के पास हुई। प्रारंभ में मलबा कम था, इसलिए वाहन चालक किसी तरह अपने वाहन वहां से निकालने में सफल हो रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे बारिश तेज होती गई, पहाड़ी से गिरने वाले मलबे की मात्रा भी बढ़ती गई। रात लगभग साढ़े दस बजे स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मार्ग पूरी तरह बंद हो गया और लोगों को अपने वाहन सड़क किनारे खड़े करने पड़े।
स्थानीय गौशाला संचालक बाबा जोगिंदर नाथ ने बताया कि जैसे ही उन्हें रास्ता बंद होने की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत एनएच प्राधिकरण को सूचित किया। लेकिन उन्होंने अफसोस जताया कि सूचना देने के करीब दो घंटे बाद तक भी कोई मशीनरी मौके पर नहीं पहुंची। इस दौरान रास्ते में फंसे वाहन चालकों ने खुद ही मलबा हटाने की कोशिश शुरू कर दी। सामूहिक प्रयासों से सड़क का एक हिस्सा किसी तरह वाहनों के चलने लायक बनाया गया और रात करीब साढ़े बारह बजे आंशिक रूप से ट्रैफिक बहाल हो सका।
बाबा जोगिंदर नाथ ने प्रशासन और संबंधित विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह मार्ग बारिश के मौसम में अक्सर भूस्खलन की चपेट में रहता है, इसलिए विभाग को पहले से सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि भविष्य में ऐसी किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि लोगों को इस तरह की परेशानियों से न गुजरना पड़े।
वहीं, एनएच विभाग के एसडीओ प्रमोद कुमार ने बताया कि उन्हें जैसे ही मार्ग बंद होने की सूचना मिली, मशीनरी रवाना कर दी गई थी। उन्होंने यह स्वीकार किया कि मलबे की मात्रा अधिक होने के कारण सड़क को साफ करने में समय लगा और रात करीब ढाई बजे तक मशीनरी ने काम पूरा कर मार्ग को पूरी तरह खोल दिया।
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