धर्मशाला में कांगड़ा वैली कार्निवाल 2025 के सफल आयोजन को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपदृमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने इसे प्रदेश में नए व्यवस्था परिवर्तन का सशक्त प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि कांगड़ा वैली कार्निवाल केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता, सांस्कृतिक संरक्षण, पर्यटन को बढ़ावा देने और युवाओं की सकारात्मक भागीदारी का एक प्रभावी मंच बनकर उभरा है।
केवल सिंह पठानिया ने कहा कि कांगड़ा वैली कार्निवाल जैसे भव्य और बहुआयामी आयोजन मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व और स्पष्ट विजन का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा नशा उन्मूलन के लिए शिमला, हमीरपुर, धर्मशाला और बिलासपुर में ऐतिहासिक चिट्टा विरोधी रैलियां आयोजित की गईं, जिनका संदेश इस कार्निवाल के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया गया।
उन्होंने जानकारी दी कि कांगड़ा वैली कार्निवाल का आयोजन 24 दिसंबर से 31 दिसंबर 2025 तक एक बड़े सांस्कृतिक, पर्यटन, खेल और सामाजिक जागरूकता उत्सव के रूप में किया गया। इस आयोजन की परिकल्पना कांगड़ा घाटी को राज्य के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने, स्थानीय परंपराओं को संरक्षित करने, युवा प्रतिभाओं को मंच देने और फिटनेस, कला, संगीत के साथ-साथ चिट्टा मुक्त हिमाचल के संदेश को मजबूती देने के उद्देश्य से की गई।
कार्निवाल की शुरुआत भव्य शोभायात्रा से हुई, जिसमें प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली। पारंपरिक नृत्य दलों और सांस्कृतिक झांकियों ने दर्शकों का खूब ध्यान खींचा। रन फॉर फन मैराथन में देश के 35 शहरों से आए प्रतिभागियों के साथ दो अंतरराष्ट्रीय धावकों ने भी हिस्सा लिया। विभिन्न श्रेणियों में कुल 17 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी गई, जबकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों को एक-एक लाख रुपये का विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया।
साहित्य उत्सव के अंतर्गत चिट्टा मुक्त भारत अभियान पर आधारित मंच नाटक, पैनल चर्चा और कवि सम्मेलन आयोजित किए गए। इसके अलावा यंग शेफ प्रतियोगिता, दिव्यांग बाल प्रतियोगिता और युवा खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। दिव्यांग बाल प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 5,100 रुपये, द्वितीय 3,100 रुपये और तृतीय 2,100 रुपये दिया गया। युवा खेल प्रतियोगिताओं में बैडमिंटन, वॉलीबॉल और कबड्डी शामिल रहीं, जिनमें करीब 350 खिलाड़ियों ने भाग लिया।
साइक्लिंग इवेंट में देशभर से 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रतिभागी और अंतरराष्ट्रीय स्तर के राइडर्स भी शामिल थे। क्रिकेट प्रतियोगिता में 20 टीमों ने भाग लिया, जिसमें विजेता टीम को एक लाख रुपये, उपविजेता को 75 हजार रुपये और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली टीम को 31 हजार रुपये की पुरस्कार राशि दी गई।
केवल सिंह पठानिया ने कहा कि कार्निवाल के दौरान आयोजित ग्रैंड ड्रोन शो दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। करीब 700 ड्रोन के माध्यम से कांगड़ा जिले के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों के साथ-साथ चिट्टा मुक्त हिमाचल अभियान से जुड़े संदेशों का भव्य प्रदर्शन किया गया।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से कलाकारों, होटल व्यवसायियों, स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय लोगों को सीधा लाभ मिला। महिला सशक्तिकरण, रचनात्मकता और आजीविका संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया गया। हस्तशिल्प, रंगोली, मेहंदी, नृत्य और गायन प्रतियोगिताओं ने कार्निवाल को और भी आकर्षक बनाया।
केवल सिंह पठानिया ने कहा कि कांगड़ा वैली कार्निवाल अब एक लैंडमार्क इवेंट के रूप में उभर चुका है। इससे पर्यटन और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ युवाओं की भागीदारी, सामाजिक जागरूकता, खेल विकास और कलात्मक अभिव्यक्ति को नई दिशा मिली है। यह आयोजन कांगड़ा को एक जीवंत सांस्कृतिक और पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभा रहा है और एक स्वस्थ, नशा मुक्त और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हिमाचल प्रदेश का सशक्त संदेश देता है।
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