कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने शनिवार को ज्वाली विधानसभा क्षेत्र में एक निजी पैलेस में आयोजित महिला सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर विभिन्न महिला मंडलों ने मंत्री जी को शॉल, टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के 36 महिला मंडलों को उनके कार्यों के लिए 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का वादा किया गया था, जिसमें से 10-10 हजार रुपए की पहली किस्त जारी की जा चुकी है और जल्द ही दूसरी किस्त भी दी जाएगी। प्रो. कुमार ने पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाओं को खेती की रीढ़ बताते हुए उनके योगदान को बेहद महत्वपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खेती को लाभदायक बनाने के लिए निरंतर काम कर रही है। खासतौर पर हल्दी की खेती को लाभकारी बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक रूप से उगाई गई कच्ची हल्दी पर 90 रुपए प्रति किलोग्राम एमएसपी निर्धारित की है। हल्दी के औषधीय गुण अनेक बीमारियों से बचाव में सहायक हैं। इसके अलावा, प्राकृतिक तरीके से उगाए गेहूं और मक्की पर भी एमएसपी में वृद्धि की गई है, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती पशुधन पर आधारित होती है, इसलिए भैंस के दूध पर 61 रुपए प्रति लीटर और गाय के दूध पर 51 रुपए प्रति लीटर की एमएसपी भी दी जा रही है ताकि पशुपालन को प्रोत्साहन मिले और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो।
इस अवसर पर कृषि विभाग और आत्मा परियोजना के अधिकारियों ने उपस्थित महिलाओं को प्राकृतिक खेती के फायदे और वैज्ञानिक खेती के तरीकों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक, प्रोजेक्ट निदेशक (आत्मा), ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर, बीडीओ, भू-संरक्षण अधिकारी, पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई अन्य अधिकारी और महिला मंडलों के सदस्य भी मौजूद थे। इस आयोजन ने महिलाओं को सम्मानित करने के साथ-साथ प्राकृतिक खेती और पशुपालन को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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