पालमपुर, 14 मई – हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों की आय बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए पशुपालन विभागद्वारा चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर में एक दिवसीय क्षेत्रीय पशुचिकित्सा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने किया।
कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर और ऊना जिलों से आए लगभग 300 वेटरनरी फार्मासिस्टों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि आज के समय में कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण आवश्यक है। उन्होंने घोषणा की कि वेटरनरी फार्मासिस्टों के लिए रिफ्रेश कोर्स आयोजित किए जाएंगे, ताकि किसानों को अधिक गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल सकें।
पशुपालन सेवाओं से मजबूत होगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था
प्रो. कुमार ने कहा कि पशुपालन ग्रामीण आजीविका का प्रमुख स्रोत है और वेटरनरी फार्मासिस्ट इस कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में पशुधन का योगदान अत्यंत आवश्यक है, और इसके लिए पशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना अनिवार्य है।
दूध मूल्य में वृद्धि से मिलेगा सीधा लाभ
मंत्री ने जानकारी दी कि सरकार ने प्रदेश में दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है:
- गाय का दूध: ₹45 से बढ़ाकर ₹51 प्रति लीटर
- भैंस का दूध: ₹55 से बढ़ाकर ₹61 प्रति लीटर
यह निर्णय दुग्ध उत्पादकों की आमदनी बढ़ाने के लिए लिया गया है।
कांगड़ा में आधुनिक डेयरी प्लांट
प्रो. कुमार ने बताया कि कांगड़ा के ढगवार में ₹250 करोड़ की लागत से दूध प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना की जा रही है, जहां प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर दूध प्रोसेस किया जाएगा।
पशु जनगणना और बेसहारा पशु प्रबंधन
मंत्री ने कहा कि प्रदेश की पशु जनगणना पूरी हो चुकी है और इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है। इससे बेसहारा पशुओं की सही संख्या का पता चलेगा। सरकार सड़कों से आवारा पशुओं को हटाने को लेकर गंभीरता से प्रयासरत है। पिछले वर्ष गौशालाओं को ₹70 करोड़का बजट आवंटित किया गया था।
विशेषज्ञों के व्याख्यान
संगोष्ठी में कई विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए:
- डॉ. आशीष शर्मा ने पैरा-वेट काउंसिल एक्ट 2010 व नियम 2011 पर जानकारी दी।
- डॉ. शमा खान ने कृत्रिम गर्भाधान को अधिक प्रभावशाली बनाने पर चर्चा की।
- डॉ. विनोद शर्मा ने नवजात से लेकर गर्भवती और दुग्ध देने वाली गायों के पोषण पर जानकारी दी।
- डॉ. रजनीश भरोल ने राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
संयुक्त निदेशक डॉ. अजय कुमार ने संगोष्ठी की शुरुआत में मुख्य अतिथि का स्वागत किया और संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इस अवसर पर डॉ. मोहित शर्मा, सीमा गुलेरिया, डॉ. मधु चौधरी, डॉ. एके पांडा, अजय पांवडा सहित चार जिलों के वेटरनरी फार्मासिस्ट उपस्थित रहे।
समापन पर आश्वासन
अपने समापन भाषण में मंत्री ने आश्वासन दिया कि वेटरनरी फार्मासिस्टों की मांगों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग को और अधिक सशक्त और किसान-हितैषी बनाया जाएगा।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!