Shimla: शिमला में कल से थम जाएगी सिटी बसें! निजी बस ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से ठप हो सकती है परिवहन व्यवस्था

शिमला। देवभूमि हिमाचल की राजधानी शिमला में सोमवार, 3 नवंबर से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली निजी बसें अब सड़कों से गायब होने जा रही हैं। शिमला सिटी निजी बस ड्राइवर-कंडक्टर यूनियन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है। यूनियन का कहना है कि प्रशासन और HRTC (हिमाचल पथ परिवहन निगम) ने अपने पुराने वादे पूरे नहीं किए, इसलिए उन्हें यह सख्त कदम उठाना पड़ रहा है।

हड़ताल की वजह: रूट विवाद से बिगड़े हालात

यूनियन के अनुसार, शहर के अंदर रूटों के संचालन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। न तो प्रशासन और न ही परिवहन विभाग ने इस मसले पर कोई ठोस समाधान निकाला है। यही वजह है कि निजी बस ऑपरेटर अब सड़कों पर नहीं उतरेंगे।

दरअसल, 12 अक्टूबर को आरटीओ दफ्तर में HRTC अधिकारियों और निजी बस ऑपरेटरों के बीच एक अहम बैठक हुई थी। उस बैठक में तीन बड़े फैसले लिए गए थे —

• 40 किलोमीटर से बाहर से आने वाली बसें अब शहर के भीतर प्रवेश नहीं करेंगी।

• HRTC की स्कूल ड्यूटी वाली बसें केवल स्कूल के बच्चों को ही ले जाएंगी, आम यात्रियों को नहीं।

• निश्चित रूट का पालन अनिवार्य होगा — कोई भी बस तय रूट के बिना शहर के मध्य से नहीं गुजरेगी।

वादाखिलाफी से भड़का गुस्सा

निजी बस यूनियन का आरोप है कि इन फैसलों पर कोई अमल नहीं हुआ। शहर में सरकारी और निजी बसों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। इससे उनका संचालन और आय दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

यूनियन ने कहा कि जब सरकार और प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो अब हड़ताल ही आखिरी रास्ता बचा है।

3 नवंबर से सड़कों पर नहीं चलेंगी निजी बसें

यूनियन ने घोषणा की है कि सोमवार से सभी निजी बसें आरटीओ कार्यालय के बाहर खड़ी कर दी जाएंगी, और शहर में एक भी निजी बस नहीं चलेगी।

इस हड़ताल से हजारों यात्रियों, स्कूली छात्रों और कर्मचारियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ सकती है, क्योंकि शहर में रोज़ाना यात्रा करने वाले अधिकांश लोग इन्हीं निजी बसों पर निर्भर हैं।

अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो शिमला की परिवहन व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ सकती है।

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