Himachal: शिमला भवन हादसे के बाद हंगामा: मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर एनएचएआई अधिकारी से मारपीट का आरोप, FIR दर्ज

शिमला के भट्टाकुफर में पांच मंजिला इमारत गिरने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस हादसे की जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंचे हिमाचल प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारी अचल जिंदल के साथ अभद्रता और मारपीट का आरोप लगा है। घटना के बाद एनएचएआई अधिकारी ने ढली पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके आधार पर पुलिस ने मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 132, 121(1)ए, 352ए, 126(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है।

अचल जिंदल का आरोप है कि वह एसडीएम ग्रामीण द्वारा बुलाई गई मीटिंग में भाग लेने के बाद करीब 11:30 बजे घटनास्थल पर पहुंचे थे। वहां मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने पहले उनसे दुर्व्यवहार किया और फिर उनके साथ हाथापाई की। इस घटना में उन्हें शारीरिक चोटें आईं और उन्हें इलाज के लिए IGMC शिमला ले जाया गया, जहां मेडिकल जांच और MLC की प्रक्रिया पूरी की गई।

घटना का मामला राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और दोषियों के खिलाफ तुरंत तथा कड़ी कार्रवाई की मांग की। गडकरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि यह घटना अत्यंत निंदनीय है और यह कानून के शासन का अपमान है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जवाबदेही तय होनी चाहिए और न्याय में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए।

इस घटना के विरोध में एनएचएआई इंजीनियर एसोसिएशन भी सक्रिय हो गई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने एनएचएआई चेयरमैन को पत्र लिखकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाओं को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इंजीनियरों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने जरूरी हैं।

एनएचएआई चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मामले की विस्तृत जांच और सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। चेयरमैन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो हिमाचल प्रदेश में कार्यरत एनएचएआई अधिकारियों का मनोबल टूटेगा और परियोजनाओं की प्रगति प्रभावित होगी।

उधर, इस भवन गिरने की घटना को लेकर भवन की मालकिन रंजना वर्मा ने भी ढली थाने में एक अलग मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके मकान के नीचे फोरलेन का कार्य एनएचएआई और गावर कंपनी द्वारा किया जा रहा था, जिसके कारण उनके मकान की दीवारों में दरारें आ गई थीं और अंततः पूरा भवन ढह गया। रंजना वर्मा ने मकान और उसमें मौजूद सामान के पूरी तरह नष्ट हो जाने की बात कही है और इस नुकसान के लिए एनएचएआई अधिकारियों व निर्माण कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है।

फिलहाल मंत्री अनिरुद्ध सिंह की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन जिस तरह से यह मुद्दा दिल्ली तक पहुंच गया है और केंद्रीय मंत्री से लेकर अधिकारी वर्ग इस मामले में सख्त रुख अपना रहे हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है।

For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!

Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!

--Advertisement--

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related