संजौली, शिमला में अवैध रूप से बनी मस्जिद को सोमवार से तोड़ने का काम मस्जिद कमेटी द्वारा पुलिस की मौजूदगी में शुरू कर दिया गया है। वक्फ बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद यह कार्रवाई हो रही है। पहले चरण में छत को तोड़ा जा रहा है, उसके बाद निचले हिस्सों को गिराया जाएगा। यह कार्य नगर निगम कमिश्नर कोर्ट के 5 अक्टूबर को दिए गए निर्देशों के बाद किया जा रहा है, जिसमें दो माह के भीतर मस्जिद की तीन मंजिलों को तोड़ने का आदेश दिया गया था।
मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने बताया कि कोर्ट के आदेशों के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई है और इसे मस्जिद कमेटी अपने खर्चे पर कर रही है। उन्होंने बताया कि फंड की कमी के कारण इसे पूरा करने में समय लगेगा और नगर निगम से समयावधि बढ़ाने की मांग की जाएगी। अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी।
सामुदायिक प्रतिक्रिया:
देवभूमि संघर्ष समिति ने अवैध मस्जिद तोड़ने की शुरुआत का स्वागत किया है और इसे सनातन समाज की बड़ी जीत बताया है। समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि भविष्य में भी वे इस तरह के अवैध कब्जों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे ऐसे मामलों में सतर्क रहें और प्रशासन से दर्ज FIR वापस लेने की मांग की। समिति ने प्रशासन को चेताया कि अन्यथा विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
भाईचारे की मिसाल: सीएम सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल बताया, जहां मुस्लिम पक्ष ने स्वयं मस्जिद गिराने की पहल की। उन्होंने इसे राज्य में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का उदाहरण बताया।
कानूनी प्रक्रिया: मंत्री विक्रमादित्य सिंह
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मस्जिद कमेटी ने स्वेच्छा से अवैध निर्माण को तोड़ने की सहमति दी थी। उन्होंने राज्य में भाईचारे को बनाए रखने की बात की और कहा कि जरूरत पड़ने पर कमेटी कोर्ट से और समय मांग सकती है।
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