सरकाघाट (मंडी): राष्ट्रीय उच्च मार्ग-003 (एनएच-003) के निर्माण ने लोगों की ज़िंदगी को खतरे में डाल दिया है। गावर और सूर्या कंस्ट्रक्शन कंपनियों पर आरोप है कि उनके घटिया और अवैध निर्माण कार्यों की वजह से सरकाघाट क्षेत्र में दर्जनों घर गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकाघाट प्रशासन की लापरवाही भी इस हालात के लिए बराबर जिम्मेदार है।
पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने गावर और सूर्या कंपनियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने अब तक इन कंपनियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अगर शिमला में गावर कंपनी पर एफआईआर हो सकती है और वहां के डीसी कंपनी को 5 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दे सकते हैं, तो फिर मंडी जिले के सरकाघाट और धर्मपुर में ऐसा क्यों नहीं हो रहा?
इसी मुद्दे पर अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
इस मामले को लेकर कई स्थानीय संगठनों ने भी नाराज़गी जताई है।
हिमाचल किसान सभा धर्मपुर के प्रधान रणताज राणा, गोपालपुर खंड कमेटी के प्रधान दिनेश काकू, चोलथरा व्यापार मंडल के प्रधान बिहारी लाल, रखोह एनएच संघर्ष समिति के पूर्ण चंद और अमृत लाल, सरकाघाट नागरिक सभा के विजय कौशल और बीडी शर्मा समेत अविनाश चंदेल ने कहा कि चोलथरा के आसपास एक दर्जन से ज़्यादा घरों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि लोगों की ज़िंदगी दोबारा पटरी पर आ सके।
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