आज राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार में “रचनात्मक लेखन कार्यशाला: हिंदी कहानी और कविता” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन छात्रों के लेखन कौशल को निखारने और साहित्य में उनकी रुचि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया।

कार्यशाला के प्रथम सत्र में वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार श्री प्रताप जरयाल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में छात्रों को रचनात्मक लेखन के महत्व और इसके विविध पहलुओं पर चर्चा की। श्री जरयाल ने अपनी स्वरचित कविताएं और ग़ज़लें प्रस्तुत की, जिससे छात्रों को प्रेरणा मिली। उन्होंने बताया कि कविता मन के भावों को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है और उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा किए।

इस दौरान, श्री जरयाल ने अपनी पुस्तकों का संग्रह भी महाविद्यालय को दानस्वरूप भेंट किया। कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार ने उनका भव्य स्वागत किया और छात्रों को ऐसे साहित्यिक कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला के दूसरे सत्र में प्रोफेसर आशा मिश्रा ने कविता और कहानी लेखन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि एक अच्छी कविता और कहानी कैसे लिखी जा सकती है और साहित्य को समाज में एक प्रभावशाली माध्यम कैसे बनाया जा सकता है।

कार्यशाला के पहले दिन का समापन प्रोफेसर हाकम चंद के धन्यवाद भाषण के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने मुख्य वक्ता और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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