नई दिल्ली, 29 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की कठिन वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की अपील की है। शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने इस वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिए प्रदेश की ऋण सीमा में 2 प्रतिशत वृद्धि का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार लगातार राजस्व बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है, लेकिन राजस्व घाटा अनुदान में भारी कटौती और पिछले तीन वर्षों में आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है।
3 वर्षों में 18,000 करोड़ का नुकसान, 1321 लोगों की मौत
मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते तीन वर्षों में हिमाचल को लगभग 18,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इन आपदाओं में 1321 लोगों की जान गई, जबकि सड़कों, पुलों और भवनों को भारी क्षति पहुंची।
उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग के तहत प्रदेश को मिलने वाले राजस्व घाटा अनुदान में भी लगातार कमी आई है —
• वर्ष 2020-21 में यह राशि 10,249 करोड़ थी,
• जो 2025-26 तक घटकर 3,257 करोड़ रह जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जीएसटी दरों के युक्तिकरण से राज्य के कर राजस्व में कमी आई है, जिससे वित्तीय स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है।

केंद्र ने दिया सकारात्मक संकेत
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बैठक में राज्य सरकार के वित्तीय सुधारों और खर्च नियंत्रण उपायों की जानकारी दी। इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें सकारात्मक आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा और राज्य को
• विशेष केंद्रीय सहायता,
• बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं
• और विशेषकर स्वास्थ्य क्षेत्र की योजनाओं के लिए अतिरिक्त मंजूरी देने पर विचार किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्यसभा सांसद एवं हिमाचल कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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