धर्मशाला, 08 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री प्रो चंद्र कुमार ने राज्य सरकार के कृषि क्षेत्र में हो रहे महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए अपने गारंटी वादों को चरणबद्ध तरीके से पूरा कर रही है। मंत्री ने कृषि और बागवानी को राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का भी उल्लेख किया।
प्रो चंद्र कुमार ने होटल कुनाल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जो किसानों को गेहूं और मक्की के लिए उच्चतम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रदान कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है और इसमें 1506 किसान परिवारों से मक्की की खरीद कर चुकी है।
‘हिमभोग’ ब्रांड से मक्की के आटे की शुरुआत
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की के आटे को ‘हिमभोग’ ब्रांड के तहत बाजार में लाने की योजना बना रही है। यह आटा किसानों की मेहनत और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उच्च गुणवत्ता वाला होगा। मंत्री ने कहा कि इस ब्रांड के लॉन्च के साथ, किसान अपने उत्पादों को बाजार में बेहतर मूल्य पर बेच सकेंगे।
प्राकृतिक खेती के समर्थन में सरकारी प्रयास
प्रो चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 35,000 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती हो रही है, जिससे 1.98 लाख किसान जुड़े हुए हैं। राज्य सरकार ने इन किसानों के लिए 1.5 लाख से अधिक प्रमाणीकरण प्रक्रिया पूरी की है। इस वर्ष 36,000 नए किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, 10 मंडियों में प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है ताकि किसानों को अपने उत्पाद बेचने में कोई कठिनाई न हो।
मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना: महिलाओं और बच्चों के लिए वित्तीय सहायता
हिमाचल प्रदेश सरकार ने महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ शुरू की है। इसके तहत विधवा, निराश्रित, परित्यक्त और विकलांग महिलाओं के बच्चों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के लिए 53.21 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
गाय और भैंस के दूध की खरीद पर सरकार की पहल
कृषि मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा गाय के दूध को 45 रुपये और भैंस के दूध को 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदने की घोषणा की। यह पहल प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों को आर्थिक सहायता देने और राज्य के डेयरी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए की गई है।
राजीव गांधी स्टार्टअप योजना का तीसरा चरण
प्रो चंद्र कुमार ने यह भी बताया कि राज्य सरकार कृषि को रोजगार से जोड़ने के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तीसरे चरण को लागू करने जा रही है। यह योजना युवाओं को कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।
केंद्र सरकार की नीतियां और राज्य सरकार के संघर्ष
मंत्री ने राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के विकास के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने आपदा राहत के मामले में स्वार्थी राजनीति की है और प्रदेश के 9000 करोड़ रुपये की आपदा राहत अब तक लंबित है। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से प्रभावितों को 4500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है।
भविष्य की योजनाएं
कृषि मंत्री ने राज्य सरकार के भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बुद्ध सर्किट, इको-टूरिज्म और कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के लिए भी लगातार प्रयासरत है।
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