आईजीएमसी शिमला में पल्मोनरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राघव निरूला पर मरीज के साथ मारपीट के आरोपों के बीच रेजिडेंट डॉक्टर वेलफेयर एसोसिएशन (आरडीए) खुलकर उनके समर्थन में सामने आ गई है। आईजीएमसी में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान आरडीए के अध्यक्ष डॉ. सोहिल शर्मा ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है, लेकिन हर मामले के दो पहलू होते हैं, जिन्हें सामने लाना जरूरी है।
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डॉ. सोहिल शर्मा ने बताया कि डॉ. राघव निरूला उस समय अपनी सरकारी ड्यूटी निभा रहे थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो केवल उस क्षण को दिखाता है, जब डॉक्टर का हाथ उठता नजर आता है, लेकिन उससे पहले की परिस्थितियां वीडियो में नहीं दिखाई गई हैं। आरडीए का कहना है कि वीडियो अधूरा है और पूरी सच्चाई सामने नहीं रखता।
डॉ. राघव निरूला ने अपनी लिखित शिकायत में बताया है कि 22 दिसंबर को दोपहर करीब 12 बजे वह ड्यूटी पर थे और मरीज अर्जुन कुमार का अस्पताल में इलाज चल रहा था। अस्पताल प्रोटोकॉल के अनुसार उन्होंने मरीज से मेडिकल रिकॉर्ड, जांच रिपोर्ट और एक्स-रे मांगे। इस दौरान मरीज का व्यवहार अभद्र और असहयोगी हो गया और उसने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया।
डॉ. निरूला के अनुसार स्थिति उस समय बिगड़ गई, जब मरीज ने उन पर हमला किया, जिसके बाद उन्होंने खुद को बचाने की कोशिश की। इसी दौरान मरीज के एक साथी ने वीडियो रिकॉर्ड किया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। डॉक्टर का कहना है कि यह वीडियो वास्तविक घटनाक्रम को सही तरीके से नहीं दर्शाता।
आरडीए अध्यक्ष ने बताया कि इस मामले को लेकर डॉ. निरूला ने मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और राज्य मेडिकल एवं डेंटल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (सेमिडिकॉट) को औपचारिक पत्र लिखकर नियमों और उचित प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई है।
आरडीए के अन्य पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि घटना के बाद अस्पताल में 100 से 200 लोग एकत्र हो गए और ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों को कमरे में बंद कर दिया गया, जिससे उनका मानसिक उत्पीड़न हुआ। उन्होंने इसे पूरी तरह गलत बताया और कहा कि इससे डॉक्टरों के काम करने का माहौल प्रभावित होता है।
आरडीए ने मामले में निष्पक्ष जांच, सभी पहलुओं की गहन जांच और अस्पतालों में सुरक्षा गार्ड की उचित व्यवस्था की मांग की है। साथ ही संगठन ने अपील की कि वायरल वीडियो के आधार पर मीडिया ट्रायल न किया जाए और जांच पूरी होने तक धैर्य रखा जाए। उन्होंने डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य को भी गंभीरता से लेने की जरूरत पर जोर दिया।
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