शिमला, 6 नवंबर। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) में अक्तूबर माह का वेतन और पेंशन जारी न होने से नाराज कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनरों ने गुरुवार को कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। वेतन संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित इस विरोध में 50 से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारी भी शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए मांग की कि विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश सरकार तुरंत वेतन और पेंशन जारी करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शुक्रवार तक भुगतान नहीं हुआ तो 10 नवंबर से आंदोलन और उग्र रूप लेगा।
हर महीने दोहराई जा रही परेशानी: समिति
समिति के महासचिव नरेश कुमार शर्मा और अध्यक्ष सुरेश वर्मा ने कहा कि हर महीने कर्मचारियों को अपने वेतन के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे कर्मचारियों में भारी असंतोष और निराशा फैल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस संकट का स्थायी समाधान निकालना चाहिए और विश्वविद्यालय को मिलने वाली अनुदान राशि समय पर जारी करनी चाहिए।
इस दौरान पेंशनर्स संघ के अध्यक्ष बिशन सिंह चंदेल ने भी मंच से अपनी पीड़ा साझा की और कहा कि वेतन और पेंशन में देरी बुजुर्ग पेंशनरों के लिए मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से कष्टदायक है।
शिक्षक भी मैदान में, कक्षाओं का बहिष्कार आज से
इसी बीच, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने भी प्रदर्शन करते हुए सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ाया।
हपुटवा के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास और महासचिव डॉ. अंकुश ने कहा कि वेतन में देरी के कारण शिक्षकों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की।
संघ ने घोषणा की कि शुक्रवार सुबह 10:30 बजे से शिक्षक कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे, और 10 नवंबर को ‘मार्च टू राजभवन’ निकालेंगे।
अकादमिक गतिविधियों पर संकट के बादल
शिक्षकों के बहिष्कार और कर्मचारियों के आंदोलन के चलते विश्वविद्यालय की नियमित अकादमिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। छात्रों ने भी प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की है ताकि पढ़ाई बाधित न हो।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!