Kangra: बच्चों में जागरूकता की पहल: चाइल्ड हेल्पलाइन कांगड़ा ने प्राथमिक पाठशाला बनूरी में सुरक्षित व असुरक्षित स्पर्श पर किया विशेष कार्यक्रम

कांगड़ा ज़िला में चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर एक सराहनीय कदम उठाया गया। राजकीय प्राथमिक पाठशाला बनूरी में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श (Safe & Unsafe Touch) का अंतर समझाना और उन्हें आत्म-सुरक्षा के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को “कोमल कार्टून मूवी” दिखाई गई, जिसमें छोटे-छोटे उदाहरणों के माध्यम से यह बताया गया कि किस प्रकार बच्चे स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं और किसी भी असामान्य स्थिति की तुरंत जानकारी दें।

कार्यक्रम की शुरुआत और उद्देश्य

चाइल्ड हेल्पलाइन कांगड़ा की टीम ने इस जागरूकता अभियान का आयोजन बच्चों, अध्यापकों और स्कूल स्टाफ की उपस्थिति में किया। इस अवसर पर जिला समन्वयक मनमोहन चौधरी ने बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के महत्व और उसकी कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने समझाया कि यह नंबर 24×7 टोल-फ्री है और किसी भी बच्चे को यदि परेशानी, शोषण, हिंसा या दुर्व्यवहार का सामना करना पड़े तो तुरंत इस नंबर पर संपर्क कर सकता है।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को यह सिखाना था कि वे किन परिस्थितियों में सतर्क रहें और अपनी सुरक्षा को लेकर समझदारी से कदम उठाएं।

बच्चों को दिए गए महत्वपूर्ण संदेश

इस विशेष सत्र के दौरान बच्चों को बाल अधिकार (Child Rights) के बारे में भी जानकारी दी गई। इनमें निम्न विषय शामिल थे:

• बाल विवाह (Child Marriage)

• बाल मजदूरी (Child Labour)

• बाल तस्करी (Child Trafficking)

• बाल भिक्षावृत्ति (Child Beggary)

• बाल यौन शोषण (Child Sexual Abuse)

• घरेलू हिंसा (Domestic Violence)

• मानसिक प्रताड़ना और शारीरिक दंड


मनमोहन चौधरी ने बच्चों को इन सभी अधिकारों से अवगत कराते हुए बताया कि कानून में इनके खिलाफ सख्त प्रावधान हैं और हर बच्चे का अधिकार है कि वह सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल में जीवन जिए।



समितियों की भूमिका पर जानकारी

विद्यालय के बच्चों को यह भी बताया गया कि एंटी सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी (Anti Sexual Harassment Committee) और डिसिप्लिन कमेटी (Discipline Committee) क्यों बनाई जाती हैं। इन समितियों का उद्देश्य बच्चों को एक सुरक्षित, अनुशासित और सकारात्मक वातावरण देना है।

इस दौरान बच्चों ने भी अपनी जिज्ञासाओं को साझा किया और शिक्षकों ने उन्हें सहयोगपूर्ण तरीके से समझाया।

“कोमल” मूवी के जरिए बच्चों को संवेदनशील विषय पर शिक्षा

कार्यक्रम की सबसे खास बात रही बच्चों को दिखाई गई ‘कोमल कार्टून मूवी’। यह मूवी बच्चों के लिए सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श का अंतर समझाने का सरल और प्रभावशाली माध्यम है। महिला स्टाफ की मौजूदगी में यह मूवी दिखाई गई, जिससे बच्चों को सहज माहौल मिला।

फिल्म के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि यदि कोई व्यक्ति अनुचित व्यवहार करता है, पीछा करता है, अभद्र टिप्पणी करता है या मोबाइल पर गलत सामग्री दिखाता है, तो तुरंत अपने माता-पिता, शिक्षकों या 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन को जानकारी देनी चाहिए।

सोशल मीडिया और अजनबियों से दूरी बनाने की सलाह

चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने बच्चों को आगाह किया कि वे सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखें और अजनबियों से कभी भी लिफ्ट या गिफ्ट स्वीकार न करें। खासकर लड़कियों को यह समझाया गया कि वे अनजान लोगों से मेलजोल न बढ़ाएं और यदि किसी प्रकार की परेशानी होती है तो बिना झिझक मदद मांगें।

बच्चों, शिक्षकों और समिति सदस्यों की सहभागिता

इस जागरूकता कार्यक्रम में लगभग 80 बच्चे, अध्यापकगण, अनुशासन समिति और एंटी सेक्सुअल हरासमेंट समिति के सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने सक्रिय भागीदारी दिखाई और बच्चों को वास्तविक जीवन से जुड़े उदाहरणों के माध्यम से जागरूक किया गया।

इस अवसर पर चाइल्ड हेल्पलाइन केस वर्कर मोहन लाल भी मौजूद रहे, जिन्होंने बच्चों को विभिन्न सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी।

बच्चों की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी

कार्यक्रम में यह संदेश भी दिया गया कि बच्चों की सुरक्षा केवल माता-पिता या अध्यापकों की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। जब तक समाज के हर वर्ग के लोग बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर और सतर्क नहीं होंगे, तब तक शोषण और दुर्व्यवहार की घटनाओं को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है।

समापन और धन्यवाद

कार्यक्रम के अंत में जिला समन्वयक मनमोहन चौधरी ने विद्यालय प्रशासन, अध्यापकों और बच्चों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चाइल्ड हेल्पलाइन कांगड़ा बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी और आने वाले समय में भी इस प्रकार के कार्यक्रम अन्य विद्यालयों में आयोजित किए जाएंगे।

निष्कर्ष

राजकीय प्राथमिक पाठशाला बनूरी में आयोजित यह कार्यक्रम केवल एक स्कूल गतिविधि नहीं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। “कोमल मूवी” जैसे माध्यम बच्चों को सरल भाषा और चित्रों के जरिए संवेदनशील विषयों को समझने में मदद करते हैं।

इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम न केवल बच्चों को आत्मनिर्भर और सतर्क बनाते हैं, बल्कि समाज को यह भी संदेश देते हैं कि हर बच्चा सुरक्षित और खुशहाल बचपन का हकदार है।

चाइल्ड हेल्पलाइन का यह प्रयास निश्चित रूप से बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!

Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!

--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

Kangra: रिड़कमार कॉलेज में फ्रेशर पार्टी का भव्य आयोजन: अक्षय बने मिस्टर फ्रेशर, शिक्षा बनी मिस फ्रेशर

राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार में बी.ए. प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों...

Bilaspur: चिट्टा कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ सरकार कर रही सख्त कार्रवाई : राजेश धर्माणी

घुमारवीं (बिलासपुर), 03 अक्तूबर। सीर उत्सव घुमारवीं के दूसरे...