केंद्र और राज्य सरकारें पिछले कुछ वर्षों से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई प्रयास कर रही हैं। इन्हीं प्रयासों का लाभ उठाकर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले की झंडूता तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नखलेहड़ा के गांव घराण की 32 वर्षीय पूजा ने छह साल पहले स्वरोजगार की राह चुनी थी। पूजा ने सिलाई का काम शुरू कर अपने पैरों पर खड़े होने का सपना देखा और दिन-रात मेहनत कर उसे सच करने की ठानी। धीरे-धीरे उन्होंने घर से कुछ दूरी पर स्थित घराण मार्केट में एक छोटी सी दुकान खोल ली, जहां वह सिलाई का काम करती थीं। साथ ही, उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती जरूरत को देखते हुए ब्यूटी पार्लर की सेवाएं भी शुरू की थीं और इसके साथ-साथ रेडीमेड कपड़ों का छोटा सा कारोबार भी खड़ा किया था।

पूजा की मेहनत रंग ला रही थी और इसी के बल पर वह अपने दोनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठा रही थीं। लेकिन 19 जून की रात को अचानक उनकी जिंदगी की सारी मेहनत और सपने एक झटके में चकनाचूर हो गए। रात के समय एक फोन कॉल से सूचना मिली कि उनकी दुकान में आग लग गई है। जब तक वह मौके पर पहुंचतीं, तब तक आग ने सबकुछ निगल लिया था। दुकान में रखा सारा सामान – सिलाई मशीनें, रेडीमेड कपड़े, ब्यूटी पार्लर का सामान, नकदी, जरूरी दस्तावेज और यहां तक कि कुछ गहने भी जलकर राख हो चुके थे।
अब पूजा के पास सिर्फ एक आधार कार्ड के अलावा कुछ भी नहीं बचा है। इस त्रासदी ने उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया है। पूजा ने सरकार और प्रशासन से मदद की अपील की है ताकि वह दोबारा अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। एक जुझारू महिला के वर्षों की मेहनत और आत्मनिर्भरता की मिसाल एक ही रात में खत्म हो गई, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगी और पूजा जैसे स्वरोजगार से जुड़े लोगों को फिर से खड़ा होने का अवसर देगी।
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