हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले के तीसा क्षेत्र में बिजली परियोजना से जुड़ी एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। वर्ष 2014 में शुरू हुई इस परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार की उम्मीदें बंधी थीं, लेकिन दो साल के भीतर ही वह सपना चकनाचूर हो गया। बिजली परियोजना का कार्य कर रही कम्पनी अचानक बिना किसी सूचना के काम बंद कर गायब हो गई। इस कदम से न सिर्फ स्थानीय ठेकेदारों को भारी नुकसान हुआ, बल्कि करोड़ों की देनदारियां भी अधर में लटक गई हैं।

इस संबंध में परवेज अली बट्ट पुत्र वजीर मोहम्मद, निवासी खुशनगरी, तहसील चुराह, जिला चम्बा ने तीसा थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। परवेज अली ने बताया कि जिस कम्पनी ने बिजली परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया था, उसका कार्यालय गांव पतोगन, डाकघर भंजरारू, तहसील चुराह में स्थित था। कम्पनी ने उन्हें कुछ साइट्स पर कार्य सौंपा था, जिसके लिए उन्होंने करोड़ों रुपये की मशीनरी साइट्स पर लगाई। उन्होंने पूरी मेहनत और संसाधनों के साथ कार्य को अंजाम दिया, लेकिन कम्पनी ने उन्हें उनके कार्य का भुगतान नहीं किया।
शिकायतकर्ता के अनुसार, जब कम्पनी से संपर्क किया गया तो शुरुआत में उन्होंने काम दोबारा शुरू करने का आश्वासन दिया। लेकिन धीरे-धीरे वे पूरी तरह संपर्क से बाहर हो गए और फोन तक उठाना बंद कर दिया। इस व्यवहार से परवेज अली को लगभग दो करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। यही नहीं, उनकी मशीनरी कई वर्षों तक साइट पर बेकार पड़ी रही और उसमें जंग लग गई।
इस मामले में सिर्फ परवेज अली ही नहीं, बल्कि उनके अन्य सहयोगी ठेकेदारों को भी करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। सभी ने मिलकर कम्पनी प्रबंधन के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
चम्बा के एसपी अभिषेक यादव ने बताया कि तीसा थाने में इस मामले की शिकायत प्राप्त हुई है और पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच की जा रही है। मामला सामने आने के बाद क्षेत्र में आक्रोश की लहर है और लोग प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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