वन संसाधनों के संरक्षण और उनके सतत प्रबंधन में स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश सरकार ने ‘वन मित्र योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के प्रत्येक 2,061 वन क्षेत्रों में एक-एक ‘वन मित्र’ की नियुक्ति की जा रही है, जो वनों की सुरक्षा, विकास और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

मंडी जिला इस योजना के तहत उदाहरण बनकर उभरा है, जहां कुल 309 वन मित्रों की नियुक्ति की गई है। इनमें से 188 युवतियां और 121 युवक शामिल हैं। युवतियों की यह भागीदारी न केवल महिला सशक्तिकरण को मजबूती देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रही हैं, चाहे वह वनों की सुरक्षा ही क्यों न हो।

वन मित्रों को उनके गृह क्षेत्र या निकटवर्ती वन क्षेत्र में तैनात किया जा रहा है ताकि वे स्थानीय परिस्थितियों से भली-भांति परिचित रहकर प्रभावी कार्य कर सकें। इनकी जिम्मेदारियों में जंगलों को आग से बचाना, वृक्षारोपण करना, नर्सरी का प्रबंधन, राल दोहन और वन विभाग के अन्य कार्यों में सहयोग करना शामिल है। साथ ही, ये वन मित्र स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर वन नीति और स्थायी प्रथाओं को लागू करने में भी सहयोग कर रहे हैं।

करसोग क्षेत्र के शंकर देहरा गांव की आकांक्षा ठाकुर ने बताया कि उन्हें वन मित्र बनने की चुनौती पसंद आई और उन्होंने इसे दिल से स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें जंगल की रक्षा, पौधरोपण और नर्सरी प्रबंधन जैसी प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। आकांक्षा ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने घर के पास ही रोजगार का अवसर प्रदान किया।

एक अन्य प्रशिक्षु प्रियंका ने कहा कि वह पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगी और वन प्रबंधन से जुड़े कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएंगी। वहीं पांगणा रेंज के गुलशन प्रेमी ने कहा कि जंगलों को बचाने की जिम्मेदारी पाकर वे गर्व महसूस कर रहे हैं और फायर सीजन में वन संपदा की रक्षा के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं।
यह योजना विशेष रूप से हिमाचल के पर्वतीय क्षेत्रों में ढलानों को स्थिर करने, सतही अपवाह को कम करने, मिट्टी के कटाव को रोकने और वानिकी प्रथाओं को लागू करने पर केंद्रित है। योजना में ग्राम पंचायतों, युवक-मंडलों, महिला मंडलों, पूर्व सैनिक संगठनों, ग्राम वन विकास समितियों, शैक्षिक संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों की सहभागिता को भी महत्व दिया गया है।

वन मित्रों की भूमिका केवल कार्यान्वयन तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता फैलाने, समुदायों को स्थायी वन प्रबंधन के प्रति संवेदनशील बनाने और मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसे मुद्दों के समाधान में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इस योजना के माध्यम से न केवल वनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है, बल्कि युवाओं को रोजगार का एक स्थायी विकल्प भी मिल रहा है। मंडी जिला में युवतियों की प्रभावशाली भागीदारी ने यह सिद्ध किया है कि बेटियां अब हिमाचल की हरियाली की रखवाली में भी सबसे आगे हैं।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!