नाहन, 19 सितंबर: सिरमौर जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 68 पीड़ितों को अब तक 77.20 लाख रुपये की राहत राशि वितरित की गई है। यह जानकारी सिरमौर के उपायुक्त सुमित खिम्टा ने आज यहां जिला स्तरीय बैठक के दौरान दी। बैठक में सतर्कता एवं प्रबोधन, अल्पसंख्यक वर्ग कल्याण और दिव्यांगता समिति की तिमाही समीक्षा की गई।
उपायुक्त खिम्टा ने बताया कि वर्ष 2021 से 2024 के बीच इस अधिनियम के तहत कुल 67 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 38 मामले न्यायालय में लंबित हैं, 2 में दोष सिद्ध हुए, 3 मामलों में बरी किया गया और 11 मामले खारिज कर दिए गए हैं। 5 मामले पुलिस जांच में लंबित हैं और 8 मामलों को इस अधिनियम से मुक्त कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों को राहत राशि जल्द से जल्द प्रदान की जानी चाहिए। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के साथ होने वाले किसी भी प्रकार के अत्याचार को गंभीरता से लेना आवश्यक है। उन्होंने स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों में किसी भी प्रकार के भेदभाव और छूआछूत की घटनाओं पर नज़र रखने की जरूरत पर भी जोर दिया। ऐसी किसी भी घटना की जानकारी तुरंत जिला कल्याण अधिकारी या संबंधित समिति के सदस्यों को दी जानी चाहिए।
इसी बैठक में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए प्रधानमंत्री का नया 15-सूत्रीय कार्यक्रम भी चर्चा में रहा। उपायुक्त ने बताया कि सिरमौर की कुल जनसंख्या 5,29,855 है, जिसमें 53,025 लोग अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, जो कुल जनसंख्या का लगभग 10% है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
बैठक में यह भी बताया गया कि अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इसके अलावा, इस समुदाय के लिए आर्थिक गतिविधियों हेतु आकर्षक ऋण योजनाएं भी उपलब्ध हैं, जिसमें वर्तमान वित्त वर्ष में 38 लाभार्थियों को 20.98 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।
जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा ने बैठक में विभिन्न मुद्दों को प्रस्तुत किया। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा, अतिरिक्त न्यायवादी और अन्य विभागों के अधिकारी और गैर-सरकारी समिति सदस्य उपस्थित थे।