“शाहपुर बाजार बचाओ संघर्ष समिति” के बैनर तले शाहपुर बाजार के दुकानदार कई दिनों से अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। आज दुकानदारों ने अपने परिवारों के साथ मिलकर शाहपुर बाजार में रोष रैली निकाली और 100 साल पुराने शाहपुर बाजार को बचाने की पुरजोर मांग की। शाहपुर की महिलाओं ने भी इस रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और साफ किया कि वे किसी भी कीमत पर बाजार को उजड़ने नहीं देंगी। ‘बाजार बचाओ, व्यापार बचाओ’ के नारों से शाहपुर गूंज उठा।

बरसात के बाद पठानकोट-मंडी फोरलेन निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, और इस परियोजना की जद में शाहपुर का सौ साल पुराना बाजार भी आ गया है। दुकानदार पिछले दो साल से इसके खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और अब फिर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
स्थानीय दुकानदारों जैसे नवनीत शर्मा, सचिन महाजन, प्रतीक महाजन, सतीश कुमार गुप्ता, और कमल कुमार ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और स्थानीय नेताओं से कई बार अपील की है, लेकिन उनकी मांगों पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
उनकी मुख्य मांग है कि पुरानी तहसील से शाहपुर पुलिस स्टेशन तक फ्लाईओवर बनाया जाए। अगर यह संभव नहीं है, तो सड़क की चौड़ाई 28 मीटर तक सीमित कर दी जाए ताकि बाजार बच सके। दुकानदारों ने यह भी बताया कि बाजार के बीच स्थित बंदला पुल की चौड़ाई 24 मीटर रखी जा रही है, तो दुकानों को तोड़ने के लिए 36 से 48 मीटर चौड़ी सड़क की आवश्यकता क्यों है?
उनकी यह भी मांग है कि यदि सड़क की चौड़ाई कम करना संभव न हो, तो शाहपुर में एक बाईपास बनाया जाए ताकि बाजार और हजारों परिवारों की रोजी-रोटी बचाई जा सके।
दुकानदारों ने सवाल उठाया कि जब पठानकोट से मंडी तक अन्य बाजारों को बचाया जा रहा है, तो शाहपुर को क्यों उजाड़ा जा रहा है? यदि शाहपुर बाजार बच जाता है, तो लगभग 1000 लोगों की रोजी-रोटी भी बच सकती है।
दुकानदारों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया, तो हड़ताल और भी उग्र रूप लेगी, जिसमें आमरण अनशन और चक्का जाम शामिल होगा।