डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, टांडा ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहां हड्डी रोग विभाग के सुपर स्पेशलिस्ट डॉ. आयुष शर्मा और उनकी टीम ने 9 वर्षीय बच्चे के जन्मजात कंधे की विकृति (Sprengel Deformity) का सफल ऑपरेशन कर इतिहास रच दिया। यह हिमाचल प्रदेश में इस जटिल स्थिति पर किया गया पहला सफल ऑपरेशन है।
बच्चा ऊना जिला के अंब-अंदौरा का रहने वाला है और जन्म से ही इस दुर्लभ विकृति से पीड़ित था, जो हजारों बच्चों में किसी एक में पाई जाती है। बच्चे के माता-पिता उसे शिमला और चंडीगढ़ के बड़े अस्पतालों तक ले गए, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला।
टांडा में तैनात डॉ. आयुष शर्मा ने चुनौती स्वीकार करते हुए बच्चे की तीन घंटे चली जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। सर्जरी के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अब किसी प्रकार का दर्द नहीं है।
इस ऑपरेशन में एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. शैली और डॉ. भानु ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. विपिन शर्मा ने पूरी प्रक्रिया में मार्गदर्शन प्रदान किया।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मिलाप शर्मा ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि टांडा मेडिकल कॉलेज ही नहीं, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है।
कौन हैं डॉ. आयुष शर्मा?
• एमबीबीएस — IGMC शिमला
• एमएस — ऑर्थोपेडिक्स
• एमसीएच — पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स (ऑल इंडिया में प्रथम स्थान)
• पूर्व में क्षेत्रीय चिकित्सालय ऊना में हड्डी रोग विशेषज्ञ रहे
• सरकारी अस्पताल में पहली बार सफल कnee और hip replacement surgery करने का श्रेय
• PGI चंडीगढ़ में स्पाइन सर्जरी, बोन कैंसर, डिफॉर्मिटी करेक्शन और जन्मजात बीमारियों में उन्नत प्रशिक्षण
हिमाचल में इस तरह की सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का उपलब्ध होना प्रदेश के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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