Shimla: शिमला में बस विवाद ने पकड़ा तूल! एचआरटीसी बनाम प्राइवेट ऑपरेटर आमने-सामने — हड़ताल की चेतावनी, जनता हुई परेशान!

शिमला: राजधानी शिमला में बसों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पुराना बस स्टैंड (Old Bus Stand) में 40 किलोमीटर से अधिक लंबे रूट की बसों के प्रवेश पर रोक लगाने के फैसले ने शहर में एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटरों के बीच तनातनी बढ़ा दी है।

सोमवार को जहां निजी बस चालक और परिचालक बसें नहीं चलाने पर अड़े रहे, वहीं अब एचआरटीसी कर्मचारियों ने भी जिला प्रशासन और निगम प्रबंधन को कड़ी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर 40-50 किमी लंबी दूरी की सरकारी बसों को ओल्ड बस स्टैंड में आने से रोका गया, तो आम जनता और ग्रामीण यात्री सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

एचआरटीसी यूनियन ने दी हड़ताल की चेतावनी

एचआरटीसी कर्मचारी संघ, परिवहन मजदूर संघ, इंटक, तकनीकी कर्मचारी संगठन और अन्य यूनियनों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि यदि प्रशासन ने निजी बस यूनियन के दबाव में आकर रूटों में फेरबदल किया, तो वे पूरे प्रदेश में विरोध और हड़ताल पर जाएंगे।

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि एचआरटीसी की सभी बसें ‘जन मांग’ पर चलाई जाती हैं, और इनका संचालन जनता की सुविधा के लिए है। ऐसे में निजी बस ऑपरेटरों की यह मांग कि 40 किमी से अधिक रूट वाली बसें शहर में प्रवेश न करें, पूरी तरह अनुचित है।

“सब्जी, दूध, अस्पताल जाने वाले यात्री होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित”

कर्मचारी संगठनों ने कहा कि अगर ये बसें पुराना बस स्टैंड नहीं आएंगी, तो ग्रामीण इलाकों से रोज़ाना आने वाले हजारों यात्री, किसान और व्यापारी बुरी तरह प्रभावित होंगे।

जो लोग सब्ज़ी, दूध सप्लाई या इलाज के लिए शिमला आते हैं, उन्हें बीच रास्ते में उतारकर आगे की यात्रा के लिए अतिरिक्त किराया देना पड़ेगा, जो गरीब जनता के साथ अन्याय होगा।

“एचआरटीसी 77 साल से सेवा में, निजी ऑपरेटर सिर्फ मुनाफे के पीछे”

एचआरटीसी सर्व कर्मचारी यूनियन महासचिव खमेंद्र गुप्ता ने कहा कि निगम पिछले 77 वर्षों से जनता को सुरक्षित और सस्ती यात्रा सुविधा दे रहा है।

उन्होंने कहा, “निजी ऑपरेटर सिर्फ अपने मुनाफे के लिए एचआरटीसी को निशाना बना रहे हैं। शिमला में ट्रैफिक जाम की सबसे बड़ी वजह भी निजी बसें ही हैं, और यह बात सीसीटीवी फुटेज से साबित की जा सकती है।”

नागरिक सभा भी उतरी मैदान में

शिमला नागरिक सभा ने भी प्रशासन के फैसले की कड़ी निंदा की है। सभा के अध्यक्ष जगमोहन ठाकुर और सचिव विवेक कश्यप ने कहा कि प्रशासन ने बसों पर रोक लगाकर जनता के साथ अन्याय किया है।

सभा ने मांग की कि 40 किमी से अधिक लंबे रूट की बसें ओल्ड बस स्टैंड से ही चलें, जबकि ट्रैफिक जाम को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाई जाए और निजी बसों का टाइमटेबल सख्ती से लागू किया जाए।

सभा ने चेतावनी दी कि अगर यह “जनविरोधी फैसला” तुरंत वापस नहीं लिया गया, तो वे हस्ताक्षर अभियान (Signature Campaign) शुरू करेंगे और आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

एचआरटीसी ने यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई योजना

निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल के मद्देनज़र, एचआरटीसी ने अतिरिक्त ट्रिप चलाने का निर्णय लिया है, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

सुबह 7 बजे से 11 बजे तक ब्रेक पर रहने वाली बसें भी अब चलेंगी, और प्रदेशभर से शाम को आने वाली 237 बसों को भी शहर में अतिरिक्त ट्रिप लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

निजी बस ऑपरेटर आज नहीं चलाएंगे बसें, अनिश्चितकालीन हड़ताल की संभावना

शिमला सिटी निजी बस चालक-परिचालक यूनियन के महासचिव अखिल गुप्ता ने कहा कि जब तक 40 किमी से अधिक रूट वाली बसों को ISBT से नहीं चलाया जाता, वे हड़ताल जारी रखेंगे।

उन्होंने बताया कि निगम द्वारा जारी की गई 18 बसों की सूची में कुछ बसें काफी समय से बंद हैं, और यह निर्णय तथ्यों से परे है। यूनियन सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला भी ले सकती है।

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