सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला कल्याण कार्यालय द्वारा किन्नौर जिले के पंचायत कार्यालय रिब्बा में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के बारे में जागरूकता फैलाना था। इस कार्यक्रम में लगभग 150 लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम पंचायत रिब्बा की प्रधान राधिका नेगी ने की। उन्होंने नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने समाज में नशे की बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए सभी से नशामुक्त समाज बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की।
बाल विकास परियोजना अधिकारी पूह, सुभद्रा देवी ने आईसीडीएस के तहत चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। संरक्षण अधिकारी मीरा ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना और मुख्यमंत्री सुखशिक्षा योजना के लाभ और पात्रता की जानकारी साझा की।
जिला कल्याण अधिकारी बलबीर ठाकुर ने पीसीआर एक्ट और विभाग की अन्य कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं की जानकारी दी। पुलिस विभाग के अधिकारी ने नशा मुक्त भारत अभियान और ड्रग फ्री हिमाचल एप के उपयोग के बारे में बताया।
इस अवसर पर जिला प्रबोधन एवं सतर्कता समिति की सदस्य सुशीला मेमे और स्नेह लता, जिला श्रम कल्याण अधिकारी सपन जसरोटिया, पंचायत समिति सदस्य प्रतिभा नेगी, एचएचओ मूरंग जवाहर ठाकुर, और अन्य अधिकारी व पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस प्रकार के जागरूकता शिविर नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे कार्यक्रम समाज में न्याय और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं।
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