पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के हाल ही में मरम्मत किए गए हिस्से पर गड्ढों को सीमेंट से भरने के बाद स्थानीय लोग प्राधिकरण की आलोचना कर रहे हैं। लगभग एक माह पहले, एनएच प्राधिकरण ने बालू पुल से परेल तक सड़क पर तारकोल डालने का कार्य करवाया था। लेकिन महज़ सात दिनों के भीतर, तारकोल उखड़ने लगी, जिससे इस क्षेत्र की मरम्मत की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे।
अस्थाई समाधान के तौर पर, एनएच प्राधिकरण ने गड्ढों को सीमेंट से भर दिया, जिससे स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों के बीच नाराज़गी पैदा हो गई।
घटिया निर्माण पर सवाल
ठेकेदार को पहले इस मरम्मत कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन जब तारकोल इतनी जल्दी उखड़ने लगी, तो एनएच प्राधिकरण ने ठेकेदार की पेमेंट रोक दी और काम को फिर से ठीक करने के निर्देश दिए। साथ ही, गुणवत्ताहीन कार्य के लिए ठेकेदार को कड़ी फटकार भी लगाई गई।
स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद एनएच प्राधिकरण ने जांच की और ठेकेदार का काम रुकवा दिया। रिपोर्ट के अनुसार, परेल के पास करीब 100-150 मीटर क्षेत्र में तारकोल डाला गया था। इस क्षेत्र के समीप रावी नदी होने के कारण यहां का तापमान काफी कम रहता है, जिससे तारकोल उखड़ गई।
फिलहाल अस्थाई समाधान
एनएच मंडल चंबा के कनिष्ठ अभियंता नितित महाजन ने कहा, “परेल के पास ठंड के कारण फिलहाल तारकोल नहीं डाली जा सकती। गर्मियों में सड़क की मरम्मत दोबारा की जाएगी। फिलहाल, वाहन चालकों को परेशानी से बचाने के लिए गड्ढों को सीमेंट से भरा गया है।”
स्थानीय लोगों की नाराज़गी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क मरम्मत में सीमेंट का इस्तेमाल टिकाऊ समाधान नहीं है। इससे सड़क पर असमानता और दरारें बढ़ सकती हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा पैदा होगा।
सड़क निर्माण में हो रही इन खामियों ने प्राधिकरण की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों ने भविष्य में सड़कों के निर्माण और मरम्मत कार्यों की सख्त निगरानी की मांग की है।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!