किशोरावस्था में माता-पिता का मार्गदर्शन: मानसिक स्वास्थ्य की कुंजी

किशोरावस्था में माता-पिता का साथ बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब पारिवारिक रिश्तों में तनाव होता है, तो इसका असर सीधे बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। शिमला के रिपन अस्पताल में स्थित नई दिशा केंद्र परिवार संबंधों के कारण उत्पन्न मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे किशोरों के लिए मददगार साबित हो रहा है। जिला प्रशासन भी विभिन्न शिक्षण संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यशालाओं का आयोजन कर बच्चों को एक स्वस्थ भविष्य के लिए तैयार कर रहा है।

नई दिशा केंद्र में हर महीने औसतन 30 से 40 किशोर आते हैं, जिनमें नशा, तनाव, और आत्महत्या जैसे विचारों की समस्याएं देखने को मिलती हैं। ऐसे मामलों से स्पष्ट होता है कि माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति दोस्ताना और सकारात्मक संबंध रखना कितना महत्वपूर्ण है। बच्चों पर माता-पिता का सही प्रभाव पड़ने से उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने में आसानी होती है।

किशोर स्वास्थ्य के लिए माता-पिता द्वारा अपनाए जाने योग्य तरीके

माता-पिता के लिए निम्नलिखित सुझाव सहायक हो सकते हैं:

  1. पारिवारिक चर्चाओं में बच्चों को शामिल करें: परिवार के निर्णयों में बच्चों की राय लेकर उन्हें सम्मान का अनुभव कराएं।
  2. सकारात्मक दृष्टिकोण रखें: बच्चों के सामने शांत, सकारात्मक और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार अपनाएं।
  3. बच्चों पर पढ़ाई का दबाव न बनाएं: बच्चों की शैक्षणिक रूचि को समझते हुए कैरियर विकल्प चुनने में मदद करें और काउंसलिंग से भी सहयोग लें।
  4. खुली बातचीत का माहौल बनाएं: बच्चों के विचारों को ध्यान से सुनें और उन्हें बिना किसी आलोचना के व्यक्त होने का अवसर दें।
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नई दिशा केंद्र में मिले अनुभव: केस स्टडीज

नई दिशा केंद्र में पारिवारिक समस्याओं से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण मामले देखे गए:

  • केस स्टडी 1: शिमला का 16 वर्षीय लड़का, परिवार के दबाव में नॉन-मेडिकल क्षेत्र में प्रवेश किया और पढ़ाई में रुचि न होने के कारण कक्षा छोड़ने लगा। काउंसलिंग के बाद, उसके पिता को समझाया गया कि बच्चों पर अकादमिक दबाव न डालें और उनके प्रति व्यवहार में सुधार लाएं।
  • केस स्टडी 2: शिमला में अकेली रह रही एक 17 वर्षीय लड़की परिवार के नकारात्मक व्यवहार के कारण अवसाद में आ गई। नई दिशा केंद्र की काउंसलिंग से माता-पिता और लड़की के बीच के रिश्तों में सुधार आया और लड़की ने पढ़ाई में ध्यान देना शुरू किया।
  • केस स्टडी 3: 14 वर्षीय लड़की, घरेलू विवादों से प्रभावित होकर मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करने लगी। काउंसलिंग से उसके पिता का व्यवहार सुधारने में मदद मिली और अब उसकी सेहत में भी सुधार हो रहा है।

स्वस्थ पारिवारिक वातावरण की आवश्यकता

स्वस्थ पारिवारिक माहौल बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाता है। इसके लिए माता-पिता को बच्चों के प्रति सहानुभूति, समानता और खुलेपन से व्यवहार करना आवश्यक है। विद्यालयों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सहयोग से परिवारों को जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं ताकि किशोर जीवन की कठिनाइयों का सामना कर सकें और गलत राह पर न जाएं।

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