हिमाचल प्रदेश के चुराह विधानसभा क्षेत्र की सनवाल पंचायत में हुए बहुचर्चित मनरेगा घोटाले में आखिरकार बड़ी कार्रवाई सामने आई है। इस घोटाले को लेकर लंबे समय से चल रही जांच के बाद बुधवार को पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अग्रिम जमानत के लिए कई कोशिशें कीं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई। एसडीपीओ सलूणी रंजन शर्मा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है। पुलिस अब गुरुवार को सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड की मांग करेगी।
यह मामला वर्ष 2022 से जुड़ा हुआ है, जब ग्राम पंचायत सनवाल में मनरेगा योजना के तहत सेब के पौधारोपण कार्यों में भारी अनियमितताओं की शिकायत तीसा थाना में की गई थी। शिकायतकर्ता ने तत्कालीन पंचायत प्रतिनिधियों, एक पूर्व जिला परिषद सदस्य और वेंडर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पौधारोपण में बड़े स्तर पर घोटाला किया है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच धीरे-धीरे जिला स्तर से निकलकर हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई। इस दौरान आरोपी लगातार गिरफ्तारी से बचने के प्रयास करते रहे, लेकिन अदालतों ने उनके सभी अनुरोध खारिज कर दिए।
शिकायत के अनुसार, वर्ष 2022 में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत सनवाल में सेब पौधारोपण से संबंधित 8 कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिन पर करीब 1.17 करोड़ रुपये की राशि खर्च होनी थी। आरोप था कि एक प्रतिनिधि ने लगभग 5,000 सेब के पौधे अपने निजी परिसर में रख लिए थे। वहीं वेंडर ने पंचायत को 48,500 पौधे सप्लाई किए, जबकि उसे विभागीय रूप से केवल 22,500 पौधों की आपूर्ति की अनुमति थी। जांच में पाया गया कि पौधों की रोपाई भी अनियमित तरीके से की गई थी। उदाहरण के लिए, जहां एक बीघा जमीन में 22 से 32 पौधे लगाए जाने चाहिए थे, वहां 310 पौधे लगाए गए। जांच रिपोर्ट में 19,387 पौधे रोपित पाए गए, जिनमें से अधिकतर सूख चुके थे।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय लोगों ने इसे राज्य के मुख्य सचिव तक पहुंचाया। सरकार ने जांच बैठाई और आरोपों की पुष्टि होने के बाद तत्कालीन पंचायत प्रधान को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, अन्य आरोपियों पर कोई ठोस विभागीय कार्रवाई नहीं हुई, जिससे शिकायतकर्ता को पुलिस की शरण लेनी पड़ी।
बुधवार को पुलिस ने जिन छह आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनमें पूर्व जिला परिषद सदस्य कर्म चंद, वर्तमान पंचायत प्रधान मोहन लाल, उपप्रधान पूजा, ग्राम रोजगार सेवक मोहिंद्र सिंह, वेंडर बेग मोहम्मद और वेंडर विजय कुमार शामिल हैं। वहीं, दो अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर अभी न्यायालय में सुनवाई जारी है।
मामले की पुष्टि करते हुए एसडीपीओ सलूणी रंजन शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच निष्पक्ष और विस्तृत रूप से की जा रही है, और अन्य संलिप्त लोगों की भूमिका की भी गहराई से जांच की जा रही है।
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