रविवार रात हिमाचल प्रदेश के चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के घंघरेट गांव में एक कच्चे मकान में भीषण आग लग गई। यह घटना रात करीब 11 बजे हुई, जिसमें तीन भाइयों का मकान जलकर राख हो गया। इस मकान में दो भाई, दुर्गा दास और अश्विनी, रहते थे, जबकि तीसरे भाई, सतपाल, ने इसमें अपना सामान रखा हुआ था। आग की वजह से दुर्गा दास और अश्विनी बेघर हो गए हैं, जबकि सतपाल को भारी नुकसान हुआ है।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार, आग तब लगी जब एक महिला रसोई में दूध गर्म कर रही थी। दूध गर्म करते समय गैस सिलेंडर ने अचानक आग पकड़ ली। महिला ने तुरंत मौके से भागकर अपनी जान बचाई और परिवार को सूचना दी।
परिवार के सदस्यों ने चीख-पुकार मचाई और फौरन घर से बाहर निकलकर खेतों की ओर भागे। इसी बीच एक बड़ा धमाका हुआ, जिससे गांव वाले घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग इतनी ज्यादा फैल चुकी थी कि पूरा मकान जलकर राख हो गया।
नुकसान का आकलन
इस आग में दोनों परिवारों को करीब ₹7-7 लाख का नुकसान हुआ है। मकान के अंदर रखा सारा सामान, ज़रूरी चीजें और व्यक्तिगत सामान आग में जलकर खाक हो गए।

राहत कार्य
घटना के बाद, पंचायत प्रधान ने पीड़ित परिवार के लिए पंचायत के सराय भवन में रहने का प्रबंध किया। एसडीएम अंब सचिन शर्मा ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार और बीडीओ अंब की टीम को मौके पर भेजा गया। प्रशासन ने दोनों परिवारों को ₹5,000 की त्वरित आर्थिक सहायता दी।
डीएसपी अंब वसुंधा सूद ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और आग के सही कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
समुदाय की प्रतिक्रिया
घटना से गांव में दुख की लहर है। स्थानीय लोग पीड़ित परिवारों की मदद के लिए आगे आए हैं। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा के महत्व और जागरूकता की कमी को उजागर करती है।
यह त्रासदी कच्चे मकानों की कमजोरियों और गैस उपकरणों के आसपास सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
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