नादौन: भैयादूज का पर्व, जिसे भाई-बहन के प्यार और समर्पण का प्रतीक माना जाता है, हर साल बहनों के लिए विशेष महत्व रखता है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस अवसर पर एक खास पहल करते हुए बहनों के लिए फ्री बस सेवा का ऐलान किया था, ताकि वे आसानी से अपने भाइयों तक पहुँच सकें। यह कदम न केवल बहनों की सुविधा के लिए था, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के दृष्टिकोण से भी एक सराहनीय प्रयास था।
हालांकि, नादौन क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की इस मुफ्त सेवा का लाभ महिलाओं को मिलना तो दूर, यह योजना जी का जंजाल बन गई। बहनों ने शिकायत की कि कई बस स्टॉप पर उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा, लेकिन जब बसें आतीं, तो ड्राइवर उन्हें देखकर भी बस नहीं रोकते थे। कुछ महिलाओं ने यहाँ तक बताया कि चालकों ने उनकी ओर देखते ही बस की रफ्तार बढ़ा दी, जिससे उन्हें मजबूरी में अन्य परिवहन साधनों का सहारा लेना पड़ा।
ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक अव्यवस्था
विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी अधिक गंभीर रही। वहां न केवल सरकारी बसें ठप्प रहीं बल्कि निजी बसों ने भी महिलाओं के लिए अपने दरवाजे बंद रखे। कई बहनों को निजी टैक्सी सेवाओं का उपयोग करना पड़ा, जो कि महंगी साबित हुई। अधिकांश ग्रामीण इलाकों में यात्री बसें नहीं थीं, और जो कुछ बसें चल भी रही थीं, उनमें तिल रखने की जगह नहीं थी। इसके चलते कई महिलाओं को पैदल यात्रा करनी पड़ी, जिससे उनकी यात्रा कठिन और थकावट भरी हो गई।
कई ग्रामीण ठहरावों पर बहनों को बस का इंतजार करते देखा गया, लेकिन उनके लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इस फ्री सेवा की योजना के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर बहनें अपने भाइयों से मिलने के लिए निजी वाहनों पर निर्भर रहीं।
सरकार की पहल का महिलाओं को नहीं मिला लाभ
सरिता, सीमा, पुष्पा, किरण, पूजा, मनु, रंजना, अनीता, विद्या और शकुंतला जैसी कई महिलाओं ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि सरकार ने महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा का ऐलान तो किया, जो एक सराहनीय कदम है, लेकिन HRTC के कर्मचारी इस सुविधा का लाभ जनता को नहीं पहुंचाते। कई महिलाओं ने बताया कि जब उन्होंने ड्राइवरों को रुकने का इशारा किया, तो उन्होंने उनकी तरफ ध्यान तक नहीं दिया और बस को तेज़ी से आगे बढ़ा लिया।
बहनों की अपेक्षाओं पर पानी फिरा
भैयादूज का यह पर्व, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करता है, बहनों के लिए मायूस करने वाला साबित हुआ। बहनों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि फ्री बस सेवा के चलते वे बिना किसी अतिरिक्त खर्च के अपने भाइयों के पास पहुँच जाएंगी, लेकिन उन्हें इस बार बस सेवाओं की अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। खासकर ग्रामीण इलाकों में HRTC की यह पहल नाकाफी साबित हुई, जहाँ यात्री सेवाओं का अभाव था।
HRTC की ओर से सफाई
इस विषय पर हिमाचल पथ परिवहन निगम के निदेशक मोंटी संधू ने कहा कि भैयादूज के मौके पर प्रदेश की सभी महिलाओं को फ्री यात्रा सुविधा देने के लिए सरकार द्वारा निर्देश जारी किए गए थे। उनके अनुसार, इस सुविधा को सभी ड्राइवरों तक पहुंचा दिया गया था और उन्हें इस हिदायत के साथ बताया गया था कि वे महिलाओं के लिए फ्री यात्रा का लाभ सुनिश्चित करें।
मोंटी संधू ने यह भी कहा कि यदि किसी चालक ने इन निर्देशों का उल्लंघन किया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना था कि इस प्रकार की घटनाओं को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है।
महिलाओं के लिए यात्रा सुविधा में सुधार की आवश्यकता
यह घटना न केवल HRTC की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि महिला यात्रियों के लिए सरकारी योजनाओं को लागू करने में कहाँ पर कमी रह जाती है। भैयादूज जैसे पर्व पर महिलाओं के लिए फ्री यात्रा सुविधा एक बेहद अच्छा कदम था, लेकिन इसे प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया गया। महिलाओं की सुरक्षा और यात्रा सुविधा के मद्देनजर इस प्रकार की योजनाओं में और सुधार की आवश्यकता है ताकि अगली बार उन्हें इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
लोगों की प्रतिक्रिया और सरकार से अपेक्षाएँ
नादौन और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने इस घटना के प्रति नाराजगी जताई। उनका कहना है कि सरकार द्वारा महिलाओं के लिए किए गए अच्छे कदम का लाभ HRTC की लापरवाही के कारण बर्बाद हो रहा है। कई बहनों का कहना था कि वे सरकार से अपील करती हैं कि भविष्य में इस प्रकार की योजनाओं को ठीक ढंग से लागू किया जाए ताकि महिलाओं को परेशानी का सामना न करना पड़े।
कई लोगों ने यह भी सुझाव दिया कि ऐसे पर्वों पर निगम की बस सेवाओं में अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को इसका लाभ मिल सके। ग्रामीण इलाकों में नियमित बस सेवाओं के लिए स्थानीय प्रशासन और HRTC को विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे कि वहां की महिलाएं भी इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
निष्कर्ष
भैयादूज के इस पर्व पर महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा एक सराहनीय कदम था, लेकिन उसकी सही तरीके से लागू न हो पाने के कारण कई बहनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। HRTC की इस लापरवाही के कारण महिलाओं के लिए यह योजना महज एक औपचारिकता बनकर रह गई।
सरकार और HRTC को इस मुद्दे पर ध्यान देकर इसे भविष्य में बेहतर बनाने के उपाय करने चाहिए, ताकि महिलाओं के लिए यह सुविधा केवल कागजों तक सीमित न रहे और वह वास्तव में उनके लिए फायदेमंद साबित हो सके।
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