धर्मशाला, 28 अप्रैल: पर्यटन निगम के अध्यक्ष एवं कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधोसंरचना विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है और अनछुए पर्यटक स्थलों को सड़क सुविधा से जोड़ा जा रहा है, जिससे पर्यटकों को बेहतर आवाजाही की सुविधा मिल सके। सोमवार को कांगड़ा तथा नगरोटा में लोगों की समस्याएं सुनने के उपरांत उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हिमाचल को अलौकिक सौंदर्य से नवाजा है और यहां की मनमोहक वादियां देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिले को टूरिज्म कैपिटल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार कारगर कदम उठा रही है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर, बनखंडी में जूलॉजिकल पार्क, नगरोटा बगवां में ओल्ड एज वेलनेस रिजॉर्ट एवं हाई एंड फाउंटेन, नरघोटा में प्रस्तावित टूरिज्म विलेज, आइस स्केटिंग और रोलर स्केटिंग रिंक, तथा हेलीपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर वन क्षेत्रों में 11 ईको-पर्यटन स्थल चिन्हित किए हैं। इनमें से चार स्थल कांगड़ा जिला के पालमपुर वन मंडल में स्थित हैं—स्वार, सौरभ वन विहार, न्यूगल पार्क और बीड़-बिलिंग। प्रत्येक स्थल को एक हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। इन स्थलों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से विकसित व संचालित किया जाएगा, जिनके लिए आरक्षित मूल्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि ईको-पर्यटन को प्रोत्साहन मिलने से राज्य में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, राजस्व में इजाफा होगा और रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
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