कहते हैं वीरता खून में दौड़ती है और संस्कारों में पलती है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की 21 वर्षीय श्रेजल गुलेरिया ने इस कहावत को सच कर दिखाया है। जहां पिता भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर रहते हुए जमीन पर देश की सरहदों की रक्षा कर रहे हैं, वहीं बेटी अब आसमान में उड़ान भरकर भारतीय वायुसेना में देश का नाम रोशन करने जा रही हैं। मंडी जिले की बल्ह घाटी के छोटे से गांव पैड़ी की रहने वाली श्रेजल गुलेरिया का चयन भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में हुआ है, जिससे न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे हिमाचल को गर्व हुआ है।
श्रेजल की यह उपलब्धि इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि उन्होंने बेहद कम उम्र में वायुसेना की प्रतिष्ठित एएफसीएटी परीक्षा पास की है। इस परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर 12वां रैंक हासिल किया है। महज 21 साल की उम्र में फ्लाइंग ऑफिसर बनने वाली श्रेजल अब उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, जो रक्षा सेवाओं में अपना भविष्य देख रहे हैं।
पढ़ाई के क्षेत्र में भी श्रेजल शुरू से ही होनहार रही हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह में हुई, जहां उन्होंने छठी से लेकर बारहवीं कक्षा तक अध्ययन किया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से गणित ऑनर्स में बीएससी की डिग्री प्राप्त की। एमएससी गणित की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने वायुसेना में जाने का लक्ष्य तय किया और कठिन परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया।
श्रेजल की सफलता के पीछे उनके परिवार का बड़ा योगदान रहा है। उनके पिता होशियार सिंह भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं, जिनसे उन्हें अनुशासन और देशसेवा की प्रेरणा मिली। वहीं उनकी माता बनीता कुमारी हिमाचल पथ परिवहन निगम में जेओए के पद पर कार्यरत हैं, जिन्होंने बेटी को आत्मनिर्भर बनने की सीख दी।
श्रेजल गुलेरिया 27 दिसंबर को एयरफोर्स अकादमी के लिए रवाना हो चुकी हैं, जहां वे एक साल का कठोर सैन्य प्रशिक्षण लेंगी। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वे भारतीय वायुसेना में बतौर फ्लाइंग ऑफिसर देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगी। बेटी की इस उपलब्धि से पैड़ी गांव में खुशी का माहौल है और परिवार को बधाई देने वालों का सिलसिला लगातार जारी है।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!