सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है, खासकर जब से प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कांग्रेस सरकार पर कड़े आरोप लगाए हैं। बिंदल ने सोमवार को सुंदरनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम सुक्खू की सरकार पर प्रदेश को आर्थिक रूप से रसातल में ले जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने पिछले 22 महीनों में 25000 करोड़ रुपए का भारी-भरकम ऋण लिया है, लेकिन इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश में विकास कार्य लगभग पूरी तरह से रुक गए हैं।
बिंदल ने सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्ज की इस बड़ी राशि के बावजूद राज्य में जनता को कोई भी लाभ नहीं मिल पाया है। उन्होंने दावा किया कि यह सरकार जनता को दिए गए अपने वादों को निभाने में असफल रही है, बल्कि इसके बजाय उसने कई “हिडन गारंटियों” (छिपी हुई गारंटियों) को लागू किया है, जिनसे राज्य की आर्थिक स्थिति और भी बदतर हो गई है।
1. सुक्खू सरकार की हिडन गारंटियां:
बिंदल ने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा दी गई ये हिडन गारंटियां जनता के हितों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार की पहली हिडन गारंटी के तहत, राज्य में चल रहे करीब डेढ़ हजार संस्थानों को बंद कर दिया गया है। इनमें कई सरकारी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और कार्यालय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इतने सारे संस्थानों को बंद करने से न केवल जनता को सेवाओं का नुकसान हुआ है, बल्कि राज्य के आर्थिक ढांचे पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ा है।
2. रोजगार में कटौती और नई नियुक्तियों पर रोक:
राजीव बिंदल ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार की दूसरी हिडन गारंटी के अंतर्गत सरकारी नौकरियों में कटौती की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में कई सरकारी संस्थानों में पहले से कार्यरत करीब 1,000 कर्मचारियों की नौकरियां समाप्त कर दी गई हैं, और इसके साथ ही लगभग डेढ़ लाख पदों को खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा, प्रदेश में नई नियुक्तियों पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, जिससे प्रदेश के युवा बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं।
3. करों और सब्सिडी में वृद्धि:
बिंदल ने तीसरी हिडन गारंटी का जिक्र करते हुए कहा कि सुक्खू सरकार ने डीजल पर वैट बढ़ाया है, जिससे परिवहन क्षेत्र पर असर पड़ा है और दैनिक जीवन की वस्तुएं महंगी हो गई हैं। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि अष्टाम ड्यूटी में वृद्धि, सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी, पीने के पानी पर टैक्स, और बिजली सब्सिडी को समाप्त करना जनता पर बोझ बढ़ाने के बराबर है। बिंदल ने कहा कि इन सब फैसलों ने लोगों की आर्थिक स्थिति को और कठिन बना दिया है।
4. अपनों को लाभ पहुंचाना:
बीजेपी अध्यक्ष ने चौथी हिडन गारंटी का हवाला देते हुए कहा कि सुक्खू सरकार ने अपने चहेते मित्रों को लाभ के पदों पर नियुक्त किया है और उन्हें विभिन्न सरकारी ठेकों में प्राथमिकता दी है। बिंदल ने कहा कि यह सरकारी तंत्र का दुरुपयोग है और इसके कारण राज्य के अन्य योग्य उम्मीदवारों को मौका नहीं मिल पा रहा है।
5. विकास कार्यों का ठप्प होना और वित्तीय कुप्रबंधन:
बिंदल ने पांचवीं हिडन गारंटी के बारे में कहा कि सुक्खू सरकार ने 25000 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर भी राज्य में कोई बड़े विकास कार्य नहीं किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वित्तीय कुप्रबंधन के चलते प्रदेश में विकास पूरी तरह से ठप्प है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कर्ज राज्य की आर्थिक हालत को और भी बदतर बना रहा है और इससे आगे चलकर जनता को ही खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चिंता:
राजीव बिंदल ने यह भी कहा कि इस वित्तीय कुप्रबंधन का असर सीधे-सीधे आम जनता पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में उद्योग, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में विकास की संभावनाएं खत्म हो रही हैं। बिंदल ने यह सवाल उठाया कि अगर राज्य पर पहले ही इतना कर्ज है, तो आने वाले समय में सरकार जनता के लिए और क्या करेगी? उन्होंने चिंता जताई कि वर्तमान सरकार की नीतियों के कारण हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
विपक्ष का यह रुख क्यों?:
बीजेपी अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि वह इन मुद्दों को उठाकर केवल प्रदेश की जनता के हितों की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह कर्तव्य है कि वह जनता के हितों की रक्षा के लिए सरकार से सवाल पूछे और जनता के साथ होने वाले किसी भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाए। बिंदल ने कहा कि बीजेपी प्रदेश में विकास की समर्थक रही है और वह नहीं चाहती कि हिमाचल प्रदेश का भविष्य अनिश्चितताओं में उलझा रहे।
सीएम सुक्खू से सवाल:
बिंदल ने सुक्खू सरकार से सवाल किया कि आखिर क्यों इतने सारे कर्ज लेने के बावजूद भी प्रदेश की जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि वह इस मामले पर खुलकर सफाई दें और जनता को बताएँ कि राज्य की वित्तीय स्थिति को कैसे सुधारेंगे। बिंदल ने कहा कि जनता को जवाब चाहिए कि सरकार द्वारा लिए गए कर्ज से आखिरकार विकास के नाम पर क्या किया गया है।
निष्कर्ष:
हिमाचल प्रदेश की जनता के लिए यह एक चिंताजनक स्थिति है। बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल का यह आरोप कि सुक्खू सरकार की नीतियाँ प्रदेश को आर्थिक रसातल में ले जा रही हैं, हिमाचल के भविष्य के लिए गंभीर संकेत हो सकता है। जनता इस बात का इंतजार कर रही है कि सरकार इन आरोपों पर क्या जवाब देती है।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!