शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के 52 अस्पतालों में अब आभा कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों के प्रबंधन को इस व्यवस्था के कार्यान्वयन के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। इस नई पहल के तहत, लोग अपने घरों से ही ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगे, जिससे उन्हें अस्पतालों में लंबी लाइनों में खड़े होने से राहत मिलेगी।
आभा कार्ड का महत्व
आभा कार्ड एक डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड है, जो मरीजों को उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड और सेवाओं का प्रबंधन करने में मदद करता है। इस कार्ड के माध्यम से पंजीकरण करने से मरीजों की पहचान और उनके मेडिकल डेटा को सुरक्षित और सुलभ रूप से प्रबंधित किया जा सकता है। यह प्रणाली न केवल पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाएगी, बल्कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने में भी सहायता करेगी।
पंजीकरण प्रक्रिया का विवरण
आभा कार्ड के जरिए ऑनलाइन पंजीकरण करने के लिए, मरीजों को सबसे पहले आभा मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा। एप्लिकेशन को अपने मोबाइल नंबर के साथ लॉगिन करना होगा। एक बार लॉगिन करने के बाद, मरीजों को अस्पताल के पर्ची काउंटर पर उपस्थित स्कैनर पर अपने आभा कार्ड को स्कैन करना होगा। इस प्रक्रिया के बाद, एक टोकन जेनरेट होगा, जिसे मरीज को विशेष काउंटर पर देना होगा। वहां पर उपस्थित कर्मचारी मरीज को पर्ची जारी करेंगे।
लाभ और उपयोगिता
- लंबी लाइनों से मुक्ति: इस व्यवस्था के लागू होने से मरीजों को पर्ची बनवाने के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे उनका समय बचेगा और वे जल्दी से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
- सुविधाजनक और तेज: ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया से अस्पतालों में भीड़ कम होगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी आएगी। मरीज अपनी सुविधानुसार समय पर पंजीकरण कर सकेंगे।
- सभी अस्पतालों में लागू: पहले चरण में इस व्यवस्था को आईजीएमसी शिमला और एम्स बिलासपुर में शुरू किया गया है। जल्द ही राज्य के अन्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भी इसे लागू किया जाएगा, ताकि हर मरीज को इसका लाभ मिल सके।
विशेष काउंटर और स्कैनर की व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में विशेष काउंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन काउंटरों पर स्कैनर होंगे, जो आभा कार्ड के स्कैनिंग के लिए उपयोग किए जाएंगे। इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है कि वे समय पर इस व्यवस्था को लागू करें।
डॉ. पीसी दरोच, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक, ने बताया कि राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों में आभा कार्ड से पर्ची बनवाने के लिए विशेष काउंटर बनाए जा रहे हैं। इससे मरीजों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सहायता मिलेगी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।
आभा कार्ड बनवाने की प्रक्रिया
राज्य में लगभग 90 प्रतिशत लोगों के आभा कार्ड बन चुके हैं। यदि किसी के पास अभी तक आभा कार्ड नहीं है, तो उन्हें इसे बनाने के लिए संबंधित प्रक्रिया का पालन करना होगा। आभा कार्ड बनवाने के लिए, मरीजों को अपने व्यक्तिगत विवरण, जैसे नाम, पता, और अन्य आवश्यक जानकारी प्रदान करनी होगी।
स्वास्थ्य विभाग की पहल
स्वास्थ्य विभाग की यह पहल केवल तकनीकी सुधार नहीं है, बल्कि यह मरीजों के अनुभव को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आभा कार्ड के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण के इस नए सिस्टम से न केवल मरीजों को सुविधा मिलेगी, बल्कि अस्पतालों में प्रबंधन की प्रक्रिया भी अधिक सुचारू होगी।
निष्कर्ष
इस नई प्रणाली के लागू होने से हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई क्रांति आ सकती है। सरकार के इस प्रयास से न केवल मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि यह स्वास्थ्य क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है। यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में अन्य राज्य भी इस तरह की व्यवस्था अपनाएंगे, जिससे पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर ऊँचा होगा।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!