मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज बिलासपुर जिले के मंडी-भराड़ी स्थित गोविंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियों का उद्घाटन किया। यह पहल क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को एक नया मोड़ प्रदान करेगी, जिसमें क्रूज, शिकारा राइड, हाउसबोट, हाई-टेक मोटरबोट, जेट स्की, और वाटर स्कूटर जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जल गतिविधियों से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। उन्होंने बताया कि इस नई पहल से महिला एवं छोटे उद्यमियों को अपने उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री करने का एक नया बाजार मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में धार्मिक, ग्रामीण, और इको-पर्यटन के साथ-साथ जल आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह क्षेत्र जल्द ही केरल और गोवा की तर्ज पर आकर्षक पर्यटन स्थल बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्रयासों के चलते बिलासपुर में नैसर्गिक सुन्दरता, सांस्कृतिक धरोहर, और साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे यह क्षेत्र पर्यटन मानचित्र पर एक खास पहचान बना रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन गतिविधियों के परिणामस्वरूप पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।
उन्होंने जिला प्रशासन को कोल डैम जलाशय पर क्रूज और शिकारा संबंधी गतिविधियों को शुरू करने के लिए निविदा प्रक्रिया आरंभ करने के निर्देश दिए हैं। इस परियोजना के अंतर्गत, हरनोड़ा से शिमला जिले के तत्तापानी तक 30 किलोमीटर का एक सुंदर क्रूज मार्ग विकसित किया जाएगा, जो पर्यटकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने जेट स्की पर रोमांचक सवारी का आनंद लिया और इस प्रकार की गतिविधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सरकार ने साहसिक गतिविधियों को प्राथमिकता दी है, ताकि हिमाचल प्रदेश को देश के पसंदीदा पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सके।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इस सरकार के दो साल के कार्यकाल में ही बिलासपुर में जल क्रीड़ा गतिविधियां शुरू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जल संसाधनों की प्रचुरता है, और यहां जल क्रीड़ा गतिविधियों की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने दो वर्षों के भीतर जल क्रीड़ा गतिविधियों का सफल संचालन सुनिश्चित करने के लिए अपनी दूरगामी सोच और प्रतिबद्धता को उजागर किया।
इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, एचपीटीडीसी के अध्यक्ष आर.एस. बाली, पूर्व मंत्री राम लाल ठाकुर, पूर्व विधायक बंबर ठाकुर, तिलक राज शर्मा, एवं अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे।
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