हिमाचल प्रदेश में चिट्टा तस्कर लगातार नए-नए तरीके अपनाकर पुलिस को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन शिमला पुलिस की सतर्कता और “क्लीन शिमला ड्राइव” के तहत की गई कार्रवाई ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया।
तस्करी के नए हथकंडे
- डैशबोर्ड में बॉक्स: शिमला-शोघी हाईवे पर एक कार के डैशबोर्ड में छिपा ज्वेलरी बॉक्स मिला, जिसमें 255.83 ग्राम चिट्टा था।
- फर्श के नीचे टाइल्स: ठियोग में ढाबे के फर्श के नीचे से 2.1 किलोग्राम अफीम बरामद हुई।
- रसोई में गुप्त दराज: जुब्बल में रसोई में एक गुप्त दराज से 50 ग्राम चिट्टा, ₹26,990 नकदी और वज़न करने की मशीन मिली।
- वाहनों का मॉडिफिकेशन: तस्करों ने टायर, इंजन, और सीटों के नीचे चिट्टा छिपाने के लिए विशेष जगह बनाई।
2024 में रिकॉर्ड एनडीपीएस केस
इस साल 11 महीनों में हिमाचल प्रदेश में 1,537 एनडीपीएस एक्ट के मामले दर्ज हुए हैं। इनमें शिमला सबसे आगे रहा।
- शिमला: 240 मामले
- कुल्लू: 222 मामले
- मंडी: 191 मामले
- बिलासपुर: 177 मामले
- कांगड़ा: 130 मामले
तस्करों का हाईटेक गैजेट
तस्करों ने पुलिस को चकमा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल किया, जो बिजली के झटके देकर पुलिसकर्मियों को रोकने का प्रयास करता था।
सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी
15 से अधिक सरकारी अधिकारी, जिनमें डॉक्टर, बैंक मैनेजर, वन गार्ड और पुलिसकर्मी शामिल हैं, चिट्टा तस्करी में संलिप्त पाए गए और गिरफ्तार किए गए।
क्लीन शिमला ड्राइव की सफलता
शिमला पुलिस, एसपी संजीव गांधी के नेतृत्व में, चिट्टा तस्करों के हथकंडों को विफल करने में सफल रही है।
एसपी संजीव गांधी ने कहा, “तस्करों की चाल चाहे कितनी भी गुप्त क्यों न हो, पुलिस हमेशा समाज की सुरक्षा के लिए एक कदम आगे रहेगी।”
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