Kangra: धर्मशाला में एक किलो चरस संग पकड़े चंबा के दो शातिर, नशे के तस्करी रैकेट का भंडाफोड़

धर्मशाला पुलिस ने नशे की तस्करी के बड़े रैकेट को किया नष्ट, 1 किलो चरस जब्त

हिमाचल प्रदेश में नशे की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए धर्मशाला पुलिस ने चंबा के दो शातिरों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 1 किलो 84 ग्राम चरस (गांजा) जब्त किया। रविवार रात पुलिस ने धर्मशाला के योल क्षेत्र में एक नाकाबंदी के दौरान इन तस्करों को पकड़ा। दोनों आरोपी, अंशुमन (पुत्र राजेश कुमार) और हर्षदीप ठाकुर (पुत्र स्व. जगदीश मित्रा), दोनों चंबा जिले के निवासी हैं। ये आरोपी चंबा से चरस धर्मशाला लाकर तस्करी कर रहे थे।

आरोपी एक कार में चरस लेकर आ रहे थे, जिसे पुलिस ने चेकिंग के दौरान पकड़ा। पुलिस ने आरोपी के पास से 1 किलो 84 ग्राम चरस बरामद किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

यह कार्रवाई कांगड़ा जिला पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। पुलिस ने लंबे समय से नशे के तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखी हुई थी और इस सफलता के साथ इस बड़े रैकेट की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।

मुख्य आरोपी की तलाश और आगे की जांच जारी

दो आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही धर्मशाला पुलिस ने तस्करी के मुख्य सरगना की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस ने मुख्य आरोपी के घर में छापेमारी भी की है और तस्करी नेटवर्क से जुड़ी अन्य कड़ियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। स्थानीय पुलिस, एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री की अगुवाई में, अब मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए पूरी तरह सक्रिय हो गई है।

यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि पुलिस न केवल तस्करों को पकड़ने के लिए बल्कि नशे के इस बड़े नेटवर्क को नष्ट करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। शालिनी अग्निहोत्री ने सभी पुलिस अधिकारियों को नशे और अन्य अवैध गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत ट्रैफिक नियमों की अवहेलना, नशे की तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है।

धर्मशाला में नशे की तस्करी की बढ़ती समस्या

धर्मशाला, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, हाल के वर्षों में नशे की तस्करी का केंद्र बनता जा रहा है। हालांकि यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यहां नशे की तस्करी और ड्रग्स के बढ़ते मामलों ने चिंता का कारण बना दिया है। चरस, जो मुख्य रूप से पंजाब और चंबा से तस्करी के जरिए लाई जाती है, को धर्मशाला में वितरित किया जाता है और फिर अन्य हिस्सों में भेजा जाता है।

इस नई गिरफ्तारी और चरस की जब्ती से यह फिर से स्पष्ट हो गया है कि नशे की तस्करी को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। पुलिस ने कहा कि वे इस नेटवर्क के अन्य सदस्य और सर्किट को बंद करने के लिए अपने प्रयासों को और तेज करेंगे। स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नशे के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है और कड़ी पुलिस कार्रवाई की मांग की है। हालांकि पुलिस की लगातार कोशिशों के बावजूद, इस समस्या का समाधान अभी पूरी तरह से नहीं हुआ है।

पुलिस की भूमिका और नशे के रैकेट पर कड़ी नजर

कांगड़ा जिले की पुलिस नशे के रैकेट को नष्ट करने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। पुलिस ने चेकपॉइंट्स स्थापित किए हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सुरक्षात्मक उपाय किए हैं। इसके अलावा, पुलिस स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर सूचना एकत्रित करने और अवैध गतिविधियों के खिलाफ जन जागरूकता फैलाने का काम भी कर रही है।

एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस न केवल नशे की तस्करी बल्कि अन्य अवैध गतिविधियों पर भी सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने पुलिस विभाग को चेतावनी दी कि वे किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और तस्करी के मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

समुदाय की भूमिका और नशे से निपटने के उपाय

नशे की समस्या से निपटने के लिए केवल पुलिस ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि समुदाय को भी सक्रिय रूप से इसमें शामिल होना चाहिए। कई स्थानीय संगठन और स्कूल इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए काम कर रहे हैं ताकि युवाओं को नशे के खतरे से बचाया जा सके। पब्लिक एडुकेशन पहल नशे के उपयोग को रोकने और उन लोगों की मदद करने के लिए महत्वपूर्ण है जो इस समस्या से जूझ रहे हैं।

स्थानीय सरकार ने नशे के शिकार लोगों के लिए पुनर्वास सेवाएं देने का प्रस्ताव रखा है और कड़ी कानून प्रवर्तन की दिशा में कदम उठाए हैं। पुलिस की हालिया सफलता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

निष्कर्ष: धर्मशाला को नशे से मुक्त बनाने की दिशा में एक कदम और

धर्मशाला में 1 किलो चरस की जब्ती इस बात का संकेत है कि नशे की तस्करी के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इस प्रयास में पुलिस और स्थानीय समुदाय दोनों का सहयोग जरूरी है ताकि नशे के कारोबार को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। धर्मशाला पुलिस की लगातार कोशिशों और समुदाय के सहयोग से हम इस बढ़ते ड्रग्स के खतरे को रोकने में सफल हो सकते हैं।

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